गृहे गृहे गायत्री महायज्ञ का 61वाँ चरण संपन्न
सबको सद्बुद्धि और सबके कल्याण के लिए गायत्री महायज्ञ
*भारतीय संस्कृति का मेरुदंड है यज्ञ*
*गायत्री परिवार ने हर जाति हर वर्ग के लिए सुलभ कराया यज्ञ*
अमेठी । २४ सितम्बर २०२३
युगतीर्थ शान्तिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में रविवार को गृहे गृहे गायत्री महायज्ञ का 61वाँ चरण सम्पन्न हुआ। इस चरण तारापुर के घरों में हवन व देव स्थापना कार्यक्रम सम्पन्न हुआ |
गृहे गृहे गायत्री महायज्ञ के उद्देश्य के सम्बन्ध में गायत्री परिवार अमेठी के ब्लॉक समन्वयक अवधेश बहादुर सिंह ने बताया कि व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण एवं समाज निर्माण की एक महत्वपूर्ण कड़ी साधना है जिसमें जप, तप, ध्यान, यज्ञ आदि क्रम को जीवन में अपनाने की आवश्यकता होती है। ईश आराधना से ईश विधान पर बल देते हुए कर्मफल पर विश्वास दिलाता हुआ यज्ञ का कर्मकांड परिवार में एक श्रेष्ठ वातावरण सृजित करता है जो व्यक्ति के समुचित व्यक्तित्व विकास में सहायक है।
सुभाष चन्द्र द्विवेदी ने बताया कि यज्ञ में हव्य पदार्थो की आहुतियां हमारे वातावरण को शुद्ध करती हैं। अभी एक रिसर्च के रिपोर्ट का उल्लेख अन्तरिक्ष वैज्ञानिक डा ओम् प्रकाश पाण्डेय ने बेगलुरु की प्रयोग शाला में टेस्ट के बाद बताया कि जहाँ यज्ञ होता उसके 100 यार्ड क्षेत्र में प्रदूषण एक माह तक नहीं होता है। साथ ही यज्ञ के समय बने वातावरण से स्वच्छ मन एवं सभ्य समाज की आधारशिला मजबूत होती है। यज्ञ से दुर्बुद्धि को सद्बुद्धि में बदलने, कुविचार को सद्विचार में,दोष दुर्गुणों को दूर करने में मदद मिलती है।
यज्ञाचार्य राम यश ने कहा कि परम् पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने यज्ञ को घर- घर पहुंचाने के लिए बहुत सरल और प्रभावी सूत्र दिए हैं जिसका प्रतिफल है आज बिना किसी ऊंच-नीच के, बिना किसी भेद-भाव के हर वर्ग, हर जाति के घरों में गायत्री महायज्ञ गायत्री परिवार द्वारा कराया जा रहा है।
परिव्राजक इंद्रदेव शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति का मेरुदंड है यज्ञ। भारतीय संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम है यज्ञ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में अवधेश बहादुर सिंह, लाल अशोक सिंह, राघवेंद्र सिंह, राणा प्रताप सिंह का सराहनीय योगदान रहा ।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट