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पाँच दिवसीय सुरक्षा एवम संरक्षा प्रशिक्षण का समापन


पाँच दिवसीय सुरक्षा एवम संरक्षा प्रशिक्षण का समापन

सदर,रायबरेली

 डायट रायबरेली के उप शिक्षा निदेशक डॉ चंद्रशेखर मालवीय के निर्देशन में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रायबरेली में पांच दिवसीय सुरक्षा एवं संरक्षा प्रशिक्षण का समापन हुआ। प्राचार्य द्वारा अंतिम दिवस में समस्त प्रतिभागियों से प्रशिक्षण से संबंधित फीडबैक लेते हुए कहा गया की सभी प्रशिक्षित शिक्षक अपने अपने विद्यालयों में छात्रों को इन सभी विधाओं से परिचित कराकर इसका लाभ प्रदान करने का पूर्ण प्रयास करें।

सुरक्षा एवम् संरक्षा प्रशिक्षण के समन्वयक डायट प्रवक्ता अभिवेक श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद के समस्त विकास खंडों से 100 शिक्षकों को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा विकसित सुरक्षा एवं संरक्षा मॉड्यूल के पांच आयामों से परिचित कराते हुए बताया गया की इस मॉड्यूल से संबंधित शिक्षक हस्तपुस्तिका का लेखन कार्य भी किया जा रहा है।

अपर जिला जज उमाशंकर जी ने भारतीय दण्ड संहिता,लैंगिक अपराध और विधिक साक्षरता पर बल दिया साथ ही बाल संरक्षण आयोग के कामकाज की जानकारी दी।

एआरटीओ मनोज सिंह ने लापरवाही से वाहन चलाने के प्रति सचेत करते हुए ड्राइविंग लाइसेंस और परिवहन सुविधाओं की ऑनलाइन उपलब्धता पर विस्तृत प्रकाश डाला।

नगर क्षेत्राधिकारी वंदना सिंह ने बढ़ते हुए साइबर क्राइम और जालसाजों से बचने के उपायों के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा विकसित संचार साथी ऐप के महत्व पर चर्चा की।

प्रशिक्षण के सत्रों में ट्रैफिक इंचार्ज आशुतोष त्रिपाठी ने यातायात के नियम एवं सड़क सुरक्षा के बारे में जानकारी दी।

यूनिसेफ का प्रतिनिधित्व कर रहे मनोज कुमार ने सीपीआर का डेमो दिया और आपदा प्रबंधन की आवश्यकता और महत्व के बारे में बताया।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी दयाशंकर अस्थाना ने स्वास्थ्य और स्वच्छता के असंतुलन से समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव पर चर्चा की।

डायट प्राचार्य डा०चंद्रशेखर मालवीय ने प्रशिक्षण के विभिन्न दिवसों में आए हुए सभी अतिथियों को प्रतीक चिन्ह और सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए अपने संबोधन में कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य है कि सभी अभिभावकों को यह विश्वास दिलाया जाए कि उनका बच्चा एक सुरक्षित माहौल में पढ़ रहा है।

प्रशिक्षण संदर्भदाता शिवशरण सिंह ने अग्निशमन यंत्र की उपलब्धता और उसके कुशलतापूर्ण प्रयोग की जानकारी दी।

प्रशिक्षक शालिनी पांडेय ने कहा कि बच्चों को शारीरिक एवं मानसिक दंड न देकर उन्हें निःशुल्क एवं बाल शिक्षा के अधिकार के बारे में जागरूक करना है साथ ही हमारा कर्तव्य है कि हम बच्चों को लैंगिक अपराधों से सुरक्षा प्रदान करें।

प्रशिक्षक प्रेक्षी सोनकर ने सुरक्षा एवं संरक्षा के विषय में विद्यालय प्रबंध समिति के दायित्व और बाल श्रम संबंधी कानूनों के बारे में जानकारी दी।

प्रशिक्षण समन्वयक प्रवक्ता अभिवेक श्रीवास्तव ने सुरक्षा एवं संरक्षा मॉड्यूल के अंतर्गत सीखी गई बातों को विद्यालयों में लागू करने पर बल दिया।

डायट के प्रवक्ता अभिवेक श्रीवास्तव इस मॉड्यूल के लेखक मंडल के सदस्य भी हैं,उन्होंने बताया की इस मॉड्यूल के समुचित प्रयोग से संबंधित जानकारी के लिए सुरक्षा एवम् संरक्षा शिक्षक हस्तपुस्तिका का निर्माण भी हो रहा है जिसका लेखन कार्य जारी है,जिसमें यूनिसेफ के सहयोग से आपदा संबंधी विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ा जा रहा है जिससे छात्र इस सबसे परिचित हो इसका समाधान निकाल सकें।

मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट 

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