पराली प्रबंधन पर ब्लाक स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न
डीकम्पोजर के माध्यम से पराली से उन्नत खाद जा सकती है बनाई
किसानों को पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में दी गई जानकारी
रायबरेली 17 अक्टूबर 2022
फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अन्तर्गत विकास खण्ड राही में पराली ना जलाये और उसका प्रबंधन पर ब्लॉक स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ कृषि विज्ञान केंद्र, दरियापुर रायबरेली – प्रथम की केंद्र प्रमुख प्रो0 नीलमा कुँवर द्वारा किया गया। उन्होंने किसानों को पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर जिला कृषि अधिकारी रवि चन्द्र प्रकाश ने किसानों को पराली जलाने से मृदा की उर्वरा शक्ति पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों की जानकारी दी साथ ही खण्ड विकास अधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने किसानों को पराली का सदोपयोग करके अपनी आय वृद्धि हेतु प्रेरित किया।
नोडल अधिकारी डा0 एस0 वी0 सिंह ने कृषकों को पराली को न जलाकर इसका उचित प्रबंधन कराने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि पराली को चारा, खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है,
पराली जलाने से जमीन में उपस्थित मित्र जीव नष्ट हो जाते है तथा जमीन की उवर्राशक्ति नष्ट हो जाती है।
इस अवसर पर वैज्ञानिक डा0 दीपक कुमार मिश्र ने बताया कि डीकम्पोजर के माध्यम से पराली से उन्नत खाद बनाई जा सकती है,
उन्होंने यह भी बताया कि कृषि यंत्रों के माध्यम से पुआल को खेत में मिलाया जा सकता है जिससे भूमि की उर्वराशक्ति बढ़ती है।
इस कार्यक्रम में कई किसानों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में श्री अनिल कंमार, श्री वेदप्रकाश द्वारा तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया।
बयूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट