राजस्व अभिलेखों में दर्ज तालाबों का अस्तित्व खतरे में जिम्मेदार मौन
ज्यादातार तालाबों पर अतिक्रमण कर के हो रही खेती
अतिक्रमण=तहसील के अंतर्गत विकासखंड छतोह के अंतर्गत आने वाला ग्राम सभा सरांय में तालाबों एवं बंजर जमीनों पर हुआ है अतिक्रमण
नसीराबाद रायबरेली- राजस्व प्रशासन की उदाशीनता वह भूमाफियाओं के गठजोड़ से सरकारी अभिलेखों मैं दर्ज तालाबों का अस्तित्व खतरे में है। जहां राजस्व अभिलेखों में दर्ज तालाब वर्तमान समय में अब विलुप्त से होते जा रहे हैं।
राजस्व अभिलेखों में दर्ज तालाबों को लोग पाट कर तालाबों पर अवैध कब्जा करते हुए बड़ी ही तादाद में लोग खेती आदि कर रहे हैं। इतना सब होने के बावजूद भी तहसील प्रशासन एवं राजस्व प्रशासन अपनी कुंभकरण नींद से जागने को तैयार नहीं है।
जिससे तालाबों की पहचान अब सिर्फ कागजों तक ही सीमित हो गई है।
ज्यादातर तालाबों पर मकान, दुकान, का निर्माण ना करके इनको पाठ कर खेती कराया जा रहा है। जिसके साथ अब शेष बचे तालाबों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है।
इन तालाबों के लिए जाने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी को बरसात में जलभराव की समस्या से जूझना पड़ रहा है। तालाब पट जाने के कारण जहां बरसात का पानी तालाबों को जाना चाहिए।
वही अब बारिश का पानी सड़कों, गलियों, सहित लोगों के घर में घुस रहा है। वही इन तालाबों को पट दिए जाने से पानी का रास्ता बढ़ने में अब मदद नहीं मिल पा रहा है। गांव में आग लगने पर आग बुझाने को तालाब ही सहायक होता है।
लेकिन राजस्व प्रशासन की उदाशीनता से राजस्व अभिलेखों में दर्ज तालाब अब जमीनी स्तर पर विलुप्त से हो गये हैं।
जहां कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश की योगी एवं भाजपा सरकार ने तालाबों पर अवैध अतिक्रमण हटाने के निर्देश भले ही जारी किया है।
लेकिन सरकार का आदेश तहसील प्रशासन व राजस्व विभाग के लिए महत्व नहीं रखता है। या यूं कहा जाए कि राजस्व प्रशासन कर्मियों भूमाफियाओं के सांठ गाठ जोड़ के तालाबों का अस्तित्व ही मिटाया जा रहा है। अब गौर करने वाली बात यह है
कि तालाबों पर हो रहे अवैध अतिक्रमण पर तहसील प्रशासन कब गंभीर होगा। या नहीं होगा प्रदेश सरकार योगी आदित्यनाथ, के आदेशों का पालन ।
क्या ऐसे ही होंगे तालाबों पर अवैध कब्जा।क्या तहसील प्रशासन व राजस्व विभाग रहेंगे मौन। क्या नहीं होगा प्रदेश सरकार के आदेशों का पालन
आशुतोष ब्लॉक छतोह क्राइम रिपोर्टर।