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आर.जी.आई.पी.टी. का अष्टम दीक्षांत समारोह सम्पन्न


आर.जी.आई.पी.टी. का अष्टम दीक्षांत समारोह सम्पन्न

बहादुरपुर,जायस

राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान (आरजीआईपीटी), जायस, अमेठी में रविवार, 8 दिसम्बर 2024 को संस्थान के अष्टम दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वर्ष 2024 में उत्तीर्ण पीएच.डी के 25, एम.बी.ए. में 37, एम.टेक. में 07, बी.टेक. रासायनिक व जैव-रासायनिक अभियांत्रिकी में 16, बी.टेक. कम्प्यूटर विज्ञान व अभियांत्रिकी में 67, बी.टेक इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स अभियांत्रिकी में 31 एवं बी.टेक. पेट्रोलियम व भूअभियांत्रिकी में 45 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान किया गया।

इस अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय अभियांत्रिकी अकादमी के अध्यक्ष एवं बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, रांची के कुलपति प्रो. इंद्रनील मन्ना मुख्य अतिथि एवं हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय के अतिरिक्त महानिदेशक (अन्वेषण) डॉ. कौस्तव नाग विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे तथा छात्र-छात्राओं को उपाधि व मेडल प्रदान किया। संस्थान के संचालक मण्डल के अध्यक्ष, आचार्य अनिरूद्ध बी. पंडित ने समारोह की अध्यक्षता की तथा निदेशक, प्रो. आलोक कुमार सिंह संस्थान का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर अकादमिक उत्कृष्टता एवं, सर्वांगीण प्रदर्शन के लिए सात छात्र-छात्राओं को मेडल भी प्रदान किये गये, जिसका विवरण निम्नवत् है-

(क) प्रेसीडेण्ट स्वर्ण पदक- बी. टेक 2024 के समस्त पाठ्यक्रमों में अकादमिक उत्कृष्टता के लिए

1. श्री उत्कर्ष शुक्ला

(ख) निदेशक स्वर्ण पदक- बी.टेक. 2024 के समस्त पाठ्यक्रमों में उत्कृष्ट सर्वांगीण प्रदर्शन हेतु

1. सुश्री आस्था शायला

(ग) संस्थान स्वर्ण पदक-

1. बी. टेक – रासायनिक अभियांत्रिकी परीक्षा 2024 में प्रथम- श्री अंशू पाण्डेय

2. बी. टेक- कम्प्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी 2024 में प्रथम- सुश्री दिव्यांशी सिंह

3. बी. टेक- इलेक्ट्रॉनिक्स अभियांत्रिकी 2024 में प्रथम- श्री सुभ्रदीप चक्रबर्ती

4. बी. टेक- पेट्रोलियम अभियांत्रिकी परीक्षा 2024 में प्रथम- श्री उत्कर्ष शुक्ला

5. व्यवसाय प्रशासन परास्नातक परीक्षा 2024 में प्रथम- श्री दीपांक कुमार पाण्डेय

 

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि- अध्यक्ष, भारतीय राष्ट्रीय अभियांत्रिकी अकादमी एवं बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, रांची के कुलपति आचार्य इंद्रनील मन्ना, विशिष्ट अतिथि- हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय के अतिरिक्त महानिदेशक (अन्वेषण) डॉ. कौस्तव नाग, निदेशक- आचार्य आलोक कुमार सिंह, अधिष्ठाता-शैक्षणिक मामले डॉ. चंचल कुण्डु एवं कुलसचिव- श्री जितेन्द्र प्रसाद द्वारा दीप प्रज्वलन करके किया गया। सरस्वती वन्दना के उपरान्त निदेशक आचार्य आलोक कुमार सिंह ने दीक्षान्त समारोह आरंभ की घोषणा की।

संस्थान के निदेशक आचार्य सिंह ने संस्थान का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए संस्थान की उपलब्धियों और प्रगति का उल्लेख करते हुए छात्रों में रचनात्मकता और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन और इनोवेशन सेंटर की स्थापना; अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग के लिए किये जा रहे नवीन समझौतों; प्रबंधकीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन; संस्थान व्याख्यान श्रृंखला; स्कूली छात्रों आदि के लिए ज्ञान-अर्पण जैसी सामाजिक उत्थान की परियोजनाओं के बारे में अवगत कराया।

अध्यक्ष-संचालक मण्डल आचार्य अनिरूद्ध बी. पण्डित ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं, संकाय सदस्यों एवं अतिथियों का स्वागत करते हुये शैक्षणिक संस्थान के चार महत्वपूर्ण स्तम्भों छात्र, संकाय, गैर-शैक्षणिक कार्मिकों एवं पुरातन छात्रों की भूमिका एवं प्रमुख कर्तव्यों से अवगत कराया तथा उपाधिधारकों के उज्जवल भविष्य की शुभकामना दी।

कार्यक्रम में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री माननीय श्री हरदीप सिंह पुरी ने ऑनलाइन सम्मलित होकर छात्र-छात्राओं का उत्साह वर्धन किया तथा वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने में ऊर्जा क्षेत्र की महत्ता से अवगत कराया साथ ही छात्र-छात्राओं को नित नये प्रयत्न करने और देश का गौरव बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

विशिष्ट अतिथि- डॉ. कौस्तव नाग ने ऊर्जा की महत्ता पेट्रोलियम उत्पादन में होने वाली समस्याओं एवं प्रक्रियाओं से अवगत कराया तथा छात्र-छात्राओं को उसके लिए तैयार रहने तथा नवोन्मुखी सोच के लिए प्रेरित किया। उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों एवं ऊर्जा के नित नये खोजों को समान्य जन एवं देश के प्रत्येक व्यक्ति तक आसानी से पहुंचाने योग्य बनाने के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये साथ ही बताया की पहले हरित क्रान्ति का समय था अब हरित ऊर्जा का समय आ गया है।

मुख्य अतिथि आचार्य इंद्रनील मन्ना ने उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं, उनके अभिभावकों तथा अध्यापकों को शुभकामनायें देते हुए राष्ट्र को नई दिशा देने के लिए प्रेरित किया तथा बताया कि जब कोई सीखना शुरू करता है तो अच्छे और बुरे का अन्तर समझ पाता है। सीखना एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है और जीवन भर व्यक्ति सीखता ही रहता है। साथ ही उन्होनें बताया कि मूलतः विज्ञान और कुछ नहीं सिर्फ “क्यों और कैसे” पूछने और उसका जवाब देने की प्रक्रिया है। उन्होनें बताया कि देश के विकास का रूप बदल रहा है तथा ऊर्जा एवं अन्य क्षेत्रों में विकास की असीमित सम्भावनाएं हैं उन्होनें छात्र-छात्राओं को प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा करने के लिए देश एवं समाज के हित में कार्य करने की सीख दी।

राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान (आरजीआईपीटी) की स्थापना 2008 में संसद के अधिनियम के अधीन राष्ट्रीय महत्व के एक संस्थान के रूप में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की गई। वर्तमान में, आरजीआईपीटी पेट्रोलियम, केमिकल, कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, गणितीय विज्ञान, नवीकरणीय ऊर्जा के स्नातक तथा परास्नातक, एम.बी.ए. एवं डॉक्टरेट स्तरों पर पाठ्यक्रमों का संचालन कर रहा है। इस अवसर पर ऊर्जा क्षेत्र के शीर्षस्थ अधिकारी, शिक्षाविद् तथा संस्थान के छात्र-छात्राएं, अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, आचार्य, कुलसचिव, एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट

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