महमदपुर कोहरा अमेठी के 19 घरों में गायत्री महायज्ञ संपन्न हुआ
अमेठी
यज्ञ एक श्रेष्ठ कर्म है।
मनुष्यों और देवताओं के बीच का सम्पर्क सूत्र यज्ञ ही है।
उसको सुदृढ़ बनाने के लिए पहले हवन करें फिर खायें।
उक्त बातें करते हुए यज्ञाचार्य राम शंकर पाठक ने यज्ञ कराते हुए बताया कि यज्ञ द्वारा प्रसन्न किये गये देवता मनुष्य को इष्ट भोग प्रदान करते हैं जिससे उसका कल्याण होता है।
आचार्य सुभाष चन्द्र द्विवेदी ने बताया कि उज्जवल भविष्य की कामना सब करते हैं किन्तु उसके लिए उज्जवल चरित्र की पात्रता जरुरी है।
गायत्री महामंत्र जप अनुष्ठान एवं यज्ञ से इस दिशा में मदद मिलती है।
यज्ञाचार्य इंद्रदेव शर्मा में यज्ञ कराते हुए बताया कि पं श्री राम शर्मा आचार्य ने परिवार को व्यक्ति निर्माण की टकसाल माना है, परिवार को चरित्र निर्माण की प्रयोग शाला, व्यायाम शाला, समाज निर्माण की मजबूत इकाई कहा है।
परमेश्वरदीन पांडेय ने यज्ञ कराते हुए बताया कि घर परिवार को उत्कृष्ट बनाने के लिए गुरुदेव ने पांच सूत्रों के पालन की आवश्यकता बताई है।
प्रतिदिन पूजा स्थल पर नमन बन्दन, सामूहिक प्रार्थना का क्रम, पारिवारिक सत्संग, नित्य प्रणाम अभिवादन का क्रम, बलिवैश्व प्रक्रिया का पालन करना है।
यजमानों में मुख्य रूप से पंकज सिंह,अमरेज बहादुर सिंह, वृजेश सिंह, अजीत कुमार सिंह, दिनेश कुमार सिंह, सुरेश सिंह, लाल साहब सिंह , शुभम् सिंह,दूध नाथ सिंह, अरुण कुमार सिंह,विभव सिंह, संजय सिंह, चन्द्र प्रकाश शुक्ला, आनंद सिंह,शेर बहादुर सिंह,सौरभ सिंह, राजेश कुमार सिंह, प्रदीप कुमार सिंह, महेश सिंह,सुनीता गुप्ता उपस्थित रही।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट