व्यक्तित्व परिष्कार व तनाव प्रबंधन पर गायत्री परिवार की कार्यशाला
तनाव प्रबंधन से जीवन होगा खुशहाल- आशीष सिंह
इंडोरामा जगदीशपुर के कर्मचारियों ने सीखे तनाव प्रबंधन के मंत्र
इंडोरामा, जगदीशपुर । 2 जनवरी 2023
शान्तिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में सोमवार की शाम इंडोरामा जगदीशपुर के क्लब हाल में गायत्री परिवार अमेठी के सौजन्य से व्यक्तित्व परिष्कार कार्यशाला एवं तनाव प्रबंधन विषय पर मोटिवेशनल सेमिनार का आयोजन हुआ। शान्तिकुंज हरिद्वार युवा प्रकोष्ठ के प्रतिनिधि आशीष सिंह ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने विचार और अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम की शुरुआत इंडोरामा के यूनिट हेड राजेंद्र शांखे, एच०आर० हेड मनोज झा, उपाध्यक्ष एम०पी० यादव के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन व देव पूजन के साथ हुई तत्पश्चात् गायत्री परिवार के प्रतिनिधि आशीष सिंह, जिला समन्वयक डॉ० त्रिवेणी सिंह, जिला युवा समन्वयक डॉ० प्रवीण सिंह दीपक, कौशल किशोर वैश्य व संगीत टोली का स्वागत किया गया ।
आशीष सिंह ने तनाव पर चर्चा करते हुए कहा कि तनाव जीवन का अभिन्न अंग है तनाव से बचा तो नहीं जा सकता लेकिन तनाव का कैसे सामना किया जाय यह जरूर सीखा जा सकता है। परम् पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी कहते हैं कि मनुष्य परिस्थितियों का दास नहीं, वह उनका नियंत्रणकर्ता और स्वामी है। परिस्थितियां कैसी भी हों मनुष्य के अंदर वो सामर्थ्य है कि वो अपने पुरुषार्थ के बल पर बड़ी से बड़ी कठिनाइयों का सामना कर उन पर विजय प्राप्त कर सकता है।
आशीष सिंह ने इंडोरामा के अधिकारियों, कर्मचारियों को तनाव प्रबंधन के मंत्र देते हुए बताया कि व्यवस्थित दिनचर्या से तनाव काफी हद तक कम हो जायेगा। उन्होंने व्यक्तित्व विकास के ४ चरणों पर चर्चा कृति हुए बताया कि आत्म चिंतन, आत्म परिष्कार, आत्म विकास और स्व विस्तार की प्रक्रिया को अपनाकर व्यक्तित्व विकास के शीर्ष पर पहुँचा जा सकता है। मनुष्य में देवत्व का उदय होने की अपार संभावना है।
तनाव प्रबंधन पर चर्चा करते हुए उन्होंने ५ मंत्र दिये। पहला मंत्र रोज सुबह उठकर ईश्वर का धन्यवाद ज्ञापित करें और इसे अपनी आदत बना लें, यही आभार का भाव ही व्यक्ति को ईश्वर की कृपा का पात्र बनाता है। दूसरा मंत्र अच्छे व्यक्तियों की संगत में रहे, अच्छी पुस्तकें पढ़े जिसका सकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन में पड़ता है। तीसरा मंत्र हमेशा सकारात्मक सोचे जब कभी भी नकारात्मक विचार आये तो उसे सकारात्मक विचार से बदलने का प्रयास करे। चौथा मंत्र नशे से दूर रहे क्योंकि नशा बर्बादी का रास्ता है जो व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, चारित्रिक, पारिवारिक, सामाजिक पतन का कारक है। पांचवा मंत्र स्वस्थ शरीर स्वस्थ मन के लिए नियमित ध्यान और व्यायाम करें।
इसके पूर्व गायत्री परिवार जगदीशपुर की टोली ने प्रज्ञा गीत के माध्यम से सभी को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम के अंत में दीप यज्ञ के माध्यम से एम०पी० यादव का जन्मदिन मनाया गया। उपस्थित जनों ने पुष्प वर्षा कर जन्मदिन की बधाई व शुभकामनाएँ दी ।
अंत में इंडोरामा के वरिष्ठ अधिकारी एम०पी० यादव ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गायत्री परिवार व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण, समाज निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है जिसकी आज महती आवश्यकता है। उन्होंने अपने कर्मचारियों को आशीष सिंह के द्वारा बताए गए तनाव प्रबंधन के तरीकों का पालन करते हुए अपनी कार्य क्षमता को बेहतर करते हुए प्रसन्नता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाने की बात कही।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से बी०एच०ई०एल० के अधिकारी जनमेंजय सिंह, इंडोरामा के अभिषेक त्रिपाठी, सजल यादव, पवन यादव, एस०एस० पांडेय, आर०के० मिश्रा, शैलेंद्र सिंह, प्रेम शंकर यादव व गायत्री परिवार के राकेश प्रताप सिंह, गुड्डू सिंह, विनय सिंह आदि उपस्थित रहे।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट