प्रार्थमिक विद्यालय भैरमपुर का काया कल्प
बछरावां-राय बरेली
विद्यालय भैरमपुर का कायाकल्प के अंतर्गत कार्य गतिमान होने के कारण बाहरी परिदृश्य उतना आकर्षक नही लगा किंतु विद्यालय के अंदर का परिदृश्य सम्मोहित करने वाला था…स्मार्ट टीवी,प्रिंटर,आकर्षक कक्षाएं,कक्षाओं के सामने रखा बड़ा डस्टबिन,सामान्य कक्षाओं से इतर दूर दूर व्यवस्थित तरीके से बैठे बच्चे, करीने से लगे हुए आकर्षक पर्दे,कक्षाओं के पास ही बाहर बरामदे में बेसिन, विद्यालय को मिले सम्मानों की फ्रेमिंग फोटो,जिलाधिकारी से लेकर खंड शिक्षा अधिकारी तक की आकर्षक फ्रेम की हुई फोटो,प्रत्येक बच्चे के लिए प्राइवेट विद्यालयों की तर्ज पे डायरी(स्टैंडर्ड डायरी, कामचलाऊ नही),प्रतिदिन मां सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन और उसके लिए प्रतिदिन चिन्हित बच्चो द्वारा मात्र 4 या 5 फूल नियमित रूप से ले आना……और भी बहुत कुछ….और इन सबसे अधिक ग्राम प्रधान(जो मौके पे उपस्थित थे)
और प्रधानाध्यापक का एक दूसरे के प्रति सम्मान जिसने विद्यालय की रंगत बदल दी…..अभी तक बाउंड्रीवाल न होने के कारण बाहरी परिवेश में अभी उतना आकर्षण नही था किंतु अब 6 फिट ऊंची बाउंड्रीवाल बन गई है और प्रधान जी ने अपने सपनो को जिस तरह साझा किया,उससे अगले 1 या 2 वर्ष में ये विद्यालय किसी शैक्षिक पार्क से कम नही होगा जहां मनोरंजन के साथ ही अध्ययन भी होगा।
तकनीकी रूप से ये विद्यालय अभी भी 19 पैरामीटर से संतृप्त नही है..मानक के अनुरूप दिव्यांग शौचालय अभी नहीं है,दो कमरों में टाइल्स नही लगी
है,बाउंड्रीवाल में गेट(भव्य) निर्माणाधीन है..किंतु निकट भविष्य में ये विद्यालय न केवल औपचारिक रूप से इन सुविधाओं से संतृप्त होगा अपितु ग्रामवासियों का गौरव भी होगा।
बयूरो चीफ़ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट