नसीराबाद: मौलाना जीशान मेहदी ने किया जनाब क़ासिम की शहादत का दर्दनाक ज़िक्र, 8 मुहर्रम का जुलूस मीरान-ए-बंगला पर संपन्न
नसीराबाद रायबरेली
आज सुबह इमामबाड़ा मीरान-ए-बंगला में मजलिस-ए-अज़ा का एहतेमाम किया गया, जिसे मौलाना जीशान मेहदी साहब ने खिताब फ़रमाया। मौलाना ने कर्बला के जावान शहीद, जनाब क़ासिम इब्ने हसन की शहादत का दर्दनाक तफ़सील से ज़िक्र किया। उन्होंने जनाब क़ासिम की बहादुरी, वफ़ादारी और अल्लाह की राह में दी गई कुर्बानी को बयान करते हुए कर्बला की तारीख़ को दिलों में ताज़ा कर दिया। उनकी शहादत का मंजर सुनकर मजलिस में मौजूद अजादारों की आँखें नम हो गईं और माहौल मातमी हो गया।
इसके बाद नसीराबाद का परंपरागत 8 मुहर्रम का जुलूस समय की पाबंदी के साथ दोपहर 1:30 बजे हुसैनिया जलालुद्दीन चौपार से बरामद हुआ। सबसे पहले अलम काफ़ी मियां के इमामबाड़े पहुंचा, फिर रोज़े के पास सलामी अदा की गई। इसके पश्चात् जुलूस इमामबाड़ा मीर आले नबी के नीचे पहुँचा, जहाँ मीरान-ए-बंगला की जानिब से अलम व दुलदुल के साथ पुरखुलूस सलामी पेश की गई।
यह जुलूस हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम की शहादत की याद में अदा किया जाता है, जो वफ़ा, बहादुरी और भाई के लिए फ़िदा हो जाने की मिसाल हैं।
तीनों मोहल्लों के अज़ादारों ने “या हुसैन” की सदाओं के साथ मातम किया और सीना ज़नी के ज़रिए कर्बला की यादों को ताज़ा किया। जुलूस परंपरागत मार्गों से होकर ग़म और अदब के माहौल में इमामबाड़ा मीरान-ए-बंगला पर पुरअमन ढंग से संपन्न हुआ।
इस मौके पर जिन अज़ादारों की मौजूदगी दर्ज रही, उनमें प्रमुख रूप से
एस.एम. ताहिर, शुनीद रज़ा, फरहत हुसैन मुन्ना, ज़की अख़्तर नक़वी एडवोकेट, नकी रज़ा, आलिम रज़ा, हाशिम शब्बीर, खादिम शब्बीर, दिलबर अस्करी, आले तकी, राजदार हुसैन, मीसम अख़्तर, अली नक़वी, शिज़ान नक़वी, बिलाल नक़वी आदि शामिल थे।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट