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आर.जी.आई.पी.टी. में “गैस पैराडाइम 2025” कार्यशाला का आयोजन


आर.जी.आई.पी.टी. में “गैस पैराडाइम 2025” कार्यशाला का आयोजन

बहादुरपुर,जायस

राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान (आरजीआईपीटी), जायस, अमेठी में आज 22-04-2025 को “गैस पैराडाइम 2025 – गैस आधारित अर्थव्यवस्था के लिए रणनीतियाँ” विषय पर कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। यह कार्यशाला भारत के ऊर्जा संक्रमण में प्राकृतिक गैस की बदलती भूमिका पर विचार-विमर्श के लिए एक सशक्त मंच के रूप में आयोजित की गई है। 

कार्यशाला के संयोजक प्रो. संजय कुमार कर ने औद्योगिक और सामाजिक ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में प्राकृतिक गैस की भूमिका पर बल दिया।

अपने उद्घाटन भाषण में आरजीआईपीटी के निदेशक प्रो. हरीश हिरानी ने प्राकृतिक गैस को एक स्वच्छ, लचीला और आर्थिक रूप से व्यवहार्य ऊर्जा विकल्प के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा क्षेत्र में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 2030 तक 15% तक पहुँचाने के लिए सशक्त रणनीतियों की आवश्यकता है। प्रो. हिरानी ने देश में स्वच्छ ऊर्जा समाधान प्रदान करने हेतु सभी हितधारकों को एक मंच पर लाने की इच्छा व्यक्त की।

कार्यक्रम में ऊर्जा क्षेत्र के अग्रणी विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिनमें पाइपलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. अखिल मेहरोत्रा; गेल इंडिया के कार्यकारी निदेशक श्री प्रवीर अग्रवाल; इंडोरामा इंडिया प्रा. लि. की जगदीशपुर इकाई के मुख्य संचालन अधिकारी श्री राजेन्द्र सांखे; इंडियन ऑयल- अडानी गैस प्रा. लि. के सीईओ श्री भाषित ढोलकिया; इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लि. के पूर्व निदेशक (एचआर) डॉ. रंजन कुमार महापात्र; तथा हाइड्रोकार्बन सेक्टर स्किल काउंसिल के सीईओ श्री एस. के. बोस प्रमुख रहे।

डॉ. मेहरोत्रा ने संकेत दिया कि गैस क्षेत्र को 2030 तक 30-40 अरब डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी। वर्तमान में इस क्षेत्र में लगभग 25,000 लोग कार्यरत हैं। विशेषज्ञों ने सहमति जताई कि 2030 तक गैस वैल्यू चेन के लिए 25,000-30,000 अतिरिक्त कुशल जनशक्ति की आवश्यकता होगी। श्री ढोलकिया और श्री अग्रवाल ने विश्वास जताया कि गैस क्षेत्र आने वाले समय में भी प्रगति करता रहेगा। आरजीआईपीटी इस क्षेत्र से संबंधित उद्योगों के लिए शिक्षा और कौशल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

प्रबंधन अध्ययन विभाग की प्रमुख डॉ. जया श्रीवास्तवा ने उद्योग और अकादमिक जगत के बीच की दूरी को कम करने के लिए इस प्रकार के आयोजनों के महत्व को रेखांकित किया।

मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट

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