विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस के अवसर पर चलाया गया घर-घर जागरूकताअभियान
रायबरेली
24 मार्च को विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष्य में एम्स रायबरेली के सामुदायिक चिकित्सा तथा माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा पिछले पाँच दिनों से एक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत संस्थान के डॉक्टरों द्वारा ग्रामीण आउटरीच केंद्र, सलोन तथा शहरी आउटरीच केंद्र, खागीपुर सडवा और साथ ही ईंट भट्ठा क्षेत्र के पास घर-घर जाकर सक्रिय रोगी खोज (active case finding) की गई। लोगों के 2 सप्ताह से अधिक की खाँसी की जाँच की गई, दवाइयां लिखी तथा टीबी के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। जरूरत पड़ने पर लोगों के बलगम के नमूनों को एम्स भेजकर जाँच कराई गई और बीमारी के पता लगने पर जरूरी उपचार शुरू किया गया।
24 मार्च को ECHO प्लेटफॉर्म के माध्यम से राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) पर आधारित एक राष्ट्रीय वेबिनार और केस चर्चा आयोजित की गई। जन-जागरूकता हेतु ओपीडी प्रांगण और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र, सालोन में स्वास्थ्य वार्ताएं और नुक्कड़ नाटक आयोजित किए गए। सफलतापूर्वक टीबी का इलाज पूरा करने वाले “टीबी चैंपियंस” को सम्मानित किया गया और उन्होंने अपने प्रेरणादायक अनुभव साझा किए। एक संयुक्त केस-आधारित संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें संकाय सदस्यों और रेजिडेंट डॉक्टरों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इस आयोजन का नेतृत्व एम्स रायबरेली की डीन (अकादमिक) प्रोफेसर नीरज कुमारी के मार्गदर्शन में किया गया। मुख्य आयोजकों में डॉ. भोला नाथ (विभागाध्यक्ष, सामुदायिक चिकित्सा, कार्यक्रम अध्यक्ष), डॉ. नीरज पवार (प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर), डॉ. सना इस्लाही (माइक्रोबायोलॉजी विभाग), डॉ. अभय सिंह, डॉ. सौरभ पॉल, डॉ. मुकेश शुक्ला, डॉ. शेफाली, डॉ. श्वेता और रेजिडेंट डॉक्टरों में डॉ. शिवानी बिनवाल, डॉ. आयुषी गोयल, डॉ. प्रज्ञा वर्मा तथा डॉ. परबिश व डॉ. शुभम शामिल थे।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट