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गुलिन-बैरी सिंड्रोम से पीड़ित 8 वर्षीय बच्चे का AIIMS रायबरेली में सफल इलाज


गुलिन-बैरी सिंड्रोम से पीड़ित 8 वर्षीय बच्चे का AIIMS रायबरेली में सफल इलाज

 5 महीने तक रहा भर्ती

रायबरेली: 

                                       अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), रायबरेली के पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (PICU) में भर्ती एक 8 वर्षीय बच्चे का सफलतापूर्वक इलाज किया गया। यह बच्चा एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल विकार गुलिन-बैरी सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome) से पीड़ित था, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही नसों को बाहरी मानकर नष्ट करने लगती है।

बच्चे को लगभग 5 महीने तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा, जिसमें से 2 महीने से अधिक समय तक वह वेंटिलेटर पर था। डॉ. नमिता मिश्रा के नेतृत्व में PICU टीम ने गहन और नवीन उपचार पद्धतियों का उपयोग कर इस बच्चे का इलाज किया।

ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की मदद से बच्चे का पूरा खून बदला गया।बच्चा अपने से सांस नहीं ले पा रहा था जिसकी वजह से उसे लंबे समय तक वेंटीलेटर पर रखना पड़ा और ईएनटी विभाग की मदद से tracheostomy करना पड़ा।

लंबे समय तक वेंटिलेशन पर रहने के कारण बच्चे को गंभीर निमोनिया हो गया, लेकिन PICU टीम ने इसे सफलतापूर्वक नियंत्रित किया। आखिरकार, लगातार इलाज और विशेष देखभाल के बाद, बच्चा पूरी तरह से ठीक हो गया और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

डॉ. नमिता मिश्रा ने ट्रांसम्यूटेशन मेडिसिन, ईएनटी, पीडियाट्रिक सर्जरी, पीएमआर और रेडियोलॉजी विभागों के योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने विभाग प्रमुख डॉक्टर मृत्युंजय कुमार को भी उनके सहयोग लिए धन्यवाद दिया।

AIIMS रायबरेली में इस सफल उपचार ने न केवल चिकित्सा जगत में उम्मीद जगाई है, बल्कि यह अन्य ऐसे मामलों के लिए भी मार्गदर्शक साबित होगा।

मंडल ब्यूरो चीफ  पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट

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