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आरजीआईपीटी में भारतीय परिप्रेक्ष्य में तेल एवं गैस का उत्खनन एवं उत्पादन विषय पर कार्यशाला


आरजीआईपीटी में भारतीय परिप्रेक्ष्य में तेल एवं गैस का उत्खनन एवं उत्पादन विषय पर कार्यशाला

राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान, जायस, अमेठी में आज पेट्रोलियम अभियांत्रिकी विभाग द्वारा हाइड्रोकार्बन निदेशालय के सहयोग से भारतीय परिप्रेक्ष्य में तेल एवं गैस का उत्खनन एवं उत्पादन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह आयोजन पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा इस संबंध में लाये गये विभिन्न नीतियों के बारे में शिक्षा व शोध कार्य में जुड़े लोगों के बीच जागरुकता फैलाने और उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त करना था। 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय के अतिरिक्त महानिदेशक (अन्वेषण) डॉ. कौस्तव नाग ने संस्थान के छात्र-छात्राओं एवं प्राध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में लगभग 41.8 बिलियन टन तेल रिजर्व है जिसमें से 25 बिलियन टन तेल का उत्पादन किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा का हाइड्रोकार्बन उद्योग भारत के सकल घरेलू उत्पादन में 15 प्रतिशत तक योगदान कर रहा है और वर्ष 2050 तक भारत में ऊर्जा की माँग दोगुना होने की संभावना है। डॉ. नाग ने आगे कहा कि भारत में वर्ष 2050 तक 1.9 प्रतिशत की दर से ऊर्जा की मांग बढ़ने की संभावना है जबकि उस समय दुनिया के देशों में 2.6 प्रतिशत की दर से माँग घटेगी। 

इस अवसर पर उन्होंने हाइड्रोकार्बन उत्खनन व लाइसेंसिंग नीती (हेल्प), राष्ट्रीय भूकंपीय परियोजना, ऑयल फिल्ड नियमन व विकास नीति, ओपेन एकरेज लाइसेंसिग नीति, तेल उत्पादन हेतु लघु क्षेत्र खोज नीति आदि के बारे में चर्चा की एवं शोध छात्रों की प्रतिक्रिया प्राप्त की।

आगे संस्थान के छात्रों के चर्चा करते हुए डॉ. नाग ने कहा का माननीय प्रधानमंत्री द्वारा द्वारा पंचामृत नीति की घोषणा की गई है जिसके अंतर्गत भारत ने वर्ष 2030 तक जैव इंधन का उत्पादन की क्षमता 500 गीगा वाट तक बढ़ाने, अक्षय ऊर्जा से 50 प्रतिशत ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति, वर्ष 2030 तक 1 बिलियन टन कार्बन ऊर्जा उत्सर्जन में कमी लाने, भारतीय अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता में 45 प्रतिशत तक कमी लाकर वर्ष 2005 के ऊपर लाना एवं वर्ष 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करना, रखा गया जिसमें तेल एवं गैस क्षेत्र की सभी कंपनियाँ अपने संगठन के लिए लक्ष्य निर्धारित कर योगदान दे रहे हैं।  

इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो. आलोक कुमार सिंह, ऑयल इंडिया लिमिटेड के उप-मुख्य भूभौतिकीविद श्री सुभ्यान दासगुप्ता, प्रेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधिकारी श्री रगुराम कृष्णा, विभागाध्यक्ष प्रो. सतीश कुमार सिन्हा, संस्थान के प्राध्यापक डॉ. शिवांजली शर्मा, डॉ. अमित सक्सेना, डॉ. शैलेश कुमार, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. गार्गी श्रीवास्तव, कुलसचिव श्री जितेन्द्र प्रसाद, पीएच.डी. एवं एवं बी.टेक. के छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हेतु पेट्रोलियम अभियांत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार सिन्हा ने कहा कि इस कार्यक्रम में संस्थान के प्राध्यापकों, शोध छात्रों को सरकार नई ऊर्जा नीतियों एवं उस क्षेत्र में रोजगार एवं व्यवसाय के अवसर के बारे में जानकारी प्राप्त करना का अवगत प्राप्त हो सकेगा।

मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव रिपोर्ट

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