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दंपत्ति सम्मेलन में दिये गये परिवार निर्माण के सूत्र


दंपत्ति सम्मेलन में दिये गये परिवार निर्माण के सूत्र

भारत की परिवार व्यवस्था ही रत्नों की खान है

अमेठी । 27 अक्टूबर

आज परिवार टूट रहे हैं, छोटे छोटे शहरों में वृद्धाश्रम खुल रहे हैं। सामाजिक मान्यताएँ, परम्परायें टूट रही हैं। चारों तरफ़ निराशा का वातावरण दिखाई देता है। ऐसी विषम परिस्थितियों में परम् पूज्य गुरुदेव वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने इक्कीसवीं सदी उज्ज्वल भविष्य का उद्घोष करते हुए युग निर्माण योजना चलाई। गायत्री परिवार इन विषम परिस्थितियों में परिवार निर्माण से राष्ट्र निर्माण की कड़ी जोड़ने के लिए गाँव-गाँव, घर-घर पहुँच रहा है।
उक्त बातें शांतिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधि प्रज्ञा पुत्र दिनेश पटेल ने नव दम्पति सम्मेलन में कहीं।
रविवार को गायत्री शक्तिपीठ अमेठी पर आयोजित नव दंपत्ति सम्मेलन में सैकड़ों दंपत्तियों ने प्रतिभाग किया। 18 से 22 मार्च 2025 को आयोजित राष्ट्र जागरण 251 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ अमेठी के प्रयाज के क्रम में आयोजित कार्यक्रम में परिवार की कड़ी को मजबूत करने के लिए सूत्र दिये गये ।
कार्यक्रम की शुरुआत देव पूजन के साथ हुई। युवा समन्वयक डॉ० प्रवीण सिंह दीपक ने शांतिकुंज प्रतिनिधियों सहित सभी अतिथियों का स्वागत किया।
मुख्य वक्ता दिनेश पटेल ने कहा कि परिवार एक तपोवन है । इस तपोवन के पाँच सूत्र हैं- संयम, सेवा, सहिष्णुता, सहकार व स्नेह । इन सूत्रों को अपनाकर की परिवार में सुख और समृद्धि आयेगी।
परिवार की ज़िम्मेदारियों के पाँच सूत्र देते हुए उन्होंने कहा कि पति पत्नी एक दूसरे का सहयोग करते हुए परिवार में सुव्यवस्था, श्रमशीलता, सहकारिता, मितव्ययता एवं शालीनता सुनिश्चित करे।
संगीत टोली नायक हरि प्रसाद चौधरी, वादक अभय व अरविंद ने प्रज्ञा गीत “हमें सद्गुणों का खजाना मिला है,मगर व्यर्थ में ही लुटाना मना है” एवं ‘’भारत की परिवार व्यवस्था ही रत्नों की खान है” के माध्यम से मानव जीवन एवं परिवार निर्माण की महत्ता पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में उप जोन समन्वयक कैलाश नाथ तिवारी ने पति- पत्नी द्वारा विवाह के समय लिये गये 7 वचनों की प्रतिज्ञा कराई गई तथा सभी को गायत्री परिवार की तरफ से 7 वचनों का शपथ पत्र अपने-अपने घरों में स्थापित करने हेतु उपहार स्वरूप दिया गया। साथ में गायत्री मंत्र लेखन एवं परम् पूज्य गुरुदेव का साहित्य भी दिया गया। इस अवसर पर मेडिटेशन के साथ पति – पत्नी को एक दूसरे की बुराई एक पर्ची में लिखने को कहा गया, जिसे यज्ञ कुण्ड में बुराई की तरफ़ न देखने के भाव के साथ जला दिया गया।
कार्यक्रम को प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ के प्रतिनिधि प्रभाकर सक्सेना व जिला समन्वयक डॉ० त्रिवेणी सिंह ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में शामिल हुए दंपत्तियों ने इस कार्यक्रम की भूरि-भूरि सराहना की।

मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट

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