राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान के वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव कलतरंग-2024 का शुभारंभ
जायस,अमेठी
संस्था के निदेशक प्रोफेसर ए.एस.के. सिन्हा जी एवं सभी गणमान्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ शाम 7:15 बजे हुआ।
शुभारंभ समारोह की शुरुआत सायं 7:00 बजे क्रिकेट ग्राउंड मंच पर हुई।
समारोह में सभी शिक्षकगण एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे। दर्शक दीर्घा की शोभा RGIPT, फिरोज़ गांधी प्रौद्योगिकी संस्थान , संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट – लखनऊ आदि संस्थानों के विद्यार्थियों ने बढ़ाई।
प्रतियोगिताओं की शुरुआत प्रातः 10 बजे संगीत सारंग ( एकल गायन) के साथ हुई ।
जिसमें विभिन्न संस्थानों से आए छात्र छात्राओं ने मंच पर सुरो की सौगात बिखेरी
इसके साथ ही सुबह 11:30 बजे से ही पैलेट-पैंटमाइम (चित्रकारी प्रतियोगिता) के अंतर्गत प्रतिभागियों में अगले 5 घंटों में सर्वश्रेष्ठ कलाकृति बनाने की होड़ लग गई ।
मध्याह्न 12 बजे प्लाज़ा बिल्डिंग में ग्रूव-फ्यूजन (स्ट्रीट डांस) का आयोजन किया गया ।
जिसमें RGIPT , FGIET और SGPGI के विद्यार्थियों के मध्य एक खेलभावना से ओत – प्रोत प्रतिस्पर्धा देखी गई जिसे अंत में RGIPT के विद्यार्थियों ने जीत लिया ।
इस जीत के साथ ही 2:30 बजे से स्पिट-बार्स ( रैप बैटल) की शुरुआत हुई जिसमें प्रतिभागियों ने अपने लिखने और गाने की कला से समा बांध दिया ।
उधर दूसरी तरफ 2:30 बजे ही विवेकानंद सभागार में “एका -कला” (एकल नृत्य) की शुरुआत के साथ प्रतिद्वंदियों ने स्वयं को सर्वश्रेष्ठ सिद्ध करने की दौड़ में पूरे सभागार को अपनी कलाओं से रोमांचित कर दिया ।
मारोह में संस्था के छात्र छात्राओं द्वारा अनेकों संस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई , जिसका सभी लोगों ने आनंद लिया।
समारोह की शोभा अधिष्ठाता छात्र मामले डॉ. देबाशिस पांडा , संस्कृतिक परिषद के संकाय संयोजक डॉ. अनिर्बन मुखर्जी ,सह संयोजक डॉ. अमित सक्सैना और डॉ. गार्गी श्रीवास्तव ने अपनी उपस्थिति के साथ बढ़ाई।
शाम के सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में लाफ्टर चैलेंज के विजेता स्टैंड अप हास्य कलाकार रजत-सूद ने अपने शेरों – शायरी और हसी ठिठोलो से पूरे जन समूह को बांधे रखा।
इस आयोजन ने सभी प्रतिभागियों की दिन भर की थकान को दूर कर दिया।
दूसरे दिन की शुरुआत प्रातः 10 बजे पहले दिन के संगीत-सारंग के फाइनल राउंड के साथ हुई ।
जिसमें प्रतिभागियों के बीच कांटे की टक्कर रही।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट