आरजीआईपीटी में बौद्धिक सम्पदा के अधिकार- कार्यशाला का समापन
राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान, जायस, अमेठी में शनिवार, 09 मार्च 2024 को इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स अर्थात बौद्धिक सम्पदा के अधिकार की कार्यशाला का समापन किया गया। कार्यशाला प्रात: 10 बजे से सायं 7 बजे तक आयोजित की गई।
कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के निदेशक आचार्य अखौरी सुधीर कुमार सिन्हा, मुख्य अतिथि डॉ. पूजा यादव, संयुक्त निदेशक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश, डॉ. उमाकान्त धर द्विवेदी विभागाध्यक्ष- इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग तथा कार्यशाला समन्वयक डॉ. अमरीश दुबे द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया।
डॉ. उमाकांत धर द्विवेदी ने मुख्य अतिथि और माननीय निदेशक महोदय का स्वागत किया तथा प्रतीक स्वरूप मोमेंटो और शाल भेंट किया। कार्यशाला समन्वयक डॉ. अमरीश दुबे ने कार्यशाला की जानकारी देते हुए बताया कि इस सम्मेलन में राज्य के विभिन्न हिस्सों से 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया था। इनमें आरजीआईपीटी, आईआईटी बीएचयू, आईईटी लखनऊ, लखनऊ विश्वविद्यालय, एचबीटीयू कानपुर, डीएवी कॉलेज कानपुर, इलाहाबाद विश्वविद्यालय आदि संस्थानों के प्रतिभागी सम्मिलित थे।
मुख्य अतिथि डॉ. पूजा यादव ने छात्रों, शोधकर्ता, संकाय और उद्योग के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों की आवश्यकता के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि सभी को बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में जागरूक होना चाहिए। सीएसटी यूपी और भारत सरकार इस संबंध में काफी पहल कर रही है। संस्थान के निदेशक महोदय आचार्य अखौरी सुधीर कुमार सिन्हा ने पेटेंट के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि शोधकर्ताओं की कड़ी मेहनत और प्रयासों से संस्थान तेजी से आगे बढ़ रहा है। शोधकर्ता पेटेंट दाखिल करने में बहुत रुचि रखते हैं।
कार्यशाला समन्वयक डॉ. अमरीश दुबे, आरजीआईपीटी, डॉ. विकास भाटी, एनएलयू लखनऊ, प्रो. मनीष सिंह, एनएलयू लखनऊ, प्रो. विजय पाल सिंह, आईआईएम लखनऊ, डॉ. नीरज सक्सेना, एचएएल कोरवा, डॉ. रोहित राठौड़, आईपीओ दिल्ली, श्री सम्राट सिंह कंग, खुरान एंड खुरान एसोसिएट्स, दिल्ली ने इस कार्यशाला में बौद्धिक संपदा अधिकारों पर व्याख्यान दिया। इस कार्यशाला के माध्यम से सभी प्रतिभागियों के साथ बौद्धिक संपदा अधिकार के साथ पेटेंट और पेटेंट से जुड़े उनके सभी अधिकार, उसके नियम कानून, आदि जैसी चीजों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी साझा की गई। कार्यशाला का समापन प्रमाण पत्र वितरण और आचार्य एम. एस. बलथानीगईमनी, अधिष्ठाता- अनुसंधान एवं विकास, आरजीआईपीटी के प्रेरक अभिभाषण के साथ हुआ। डॉ. शिवांशु श्रीवास्तव, सहायक आचार्य, आरजीआईपीटी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट