शर्मनाक हार से बचने के लिए सोनिया गांधी ने रायबरेली छोड़ा- अजय अग्रवाल
रायबरेली 15 फरवरी :
2014 में रायबरेली से श्रीमती सोनिया गांधी के विरुद्ध भाजपा से चुनाव लड़े भाजपा नेता एवं सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने आज रायबरेली में एक बयान में कहा कि पूरे देश की और खासकर रायबरेली की नब्ज़ को भांपते हुए रायबरेली से पांच बार सांसद रहीं श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा रायबरेली सीट को छोड़कर राजस्थान से राज्यसभा में जाने का जो निर्णय लिया गया है वह एकदम सही है ।
यदि अबकी बार वह रायबरेली से चुनाव लड़ती तो उनकी बेहद शर्मनाक पराजय होती।
इसी रायबरेली ने पहले उनके ससुर फिरोज गांधी, फिर उनकी सास इंदिरा गांधी तथा फिर उन्हें पांच बार सांसद बनाया परंतु रायबरेली आज भी पिछड़ा का पिछड़ा है।
रायबरेली के विकास तथा यहां की जनता की खुशहाली के लिए श्रीमती सोनिया गांधी ने कुछ नहीं किया और हमने रायबरेली क्षेत्र की जनता से वायदा किया है कि रायबरेली का विकास हम नोएडा की भांति करेंगे।
पिछले 5 वर्षों में श्रीमती सोनिया गांधी ने एक बार भी रायबरेली का रुख नहीं किया है और इन सब के चलते कांग्रेस पार्टी की रायबरेली में बेहद शर्मनाक हार होनी निश्चित है।
वर्तमान में एक तो पूरा देश यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सैकड़ो की संख्या में चल रही जनकल्याणकारी योजनाओं तथा पांच सौ वर्षो के संघर्ष के उपरान्त अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण तथा फिर 22 जनवरी को रामलला की आलोकिक प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा में केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार के सक्रिय सहयोग के उपरांत हर व्यक्ति के मन में राष्ट्रभक्ति का भाव जगा है
और इस बार राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा लोकसभा की 400 से अधिक सीटें प्राप्त करने जा रही है । उत्तर प्रदेश में 80 में 80 सीटें भाजपा को प्राप्त होंगी।
भाजपा नेता अजय अग्रवाल ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में 80 में 80 का नारा उन्होंने ही 7 जनवरी को रायबरेली के सारस होटल में पत्रकारों से उनके एक प्रश्न कि ‘रायबरेली में इस बार क्या होगा’ के जवाब में दिया था।
उन्होंने ही कहा था कि भाजपा इस बार सौ फीसदी उत्तर प्रदेश में 80 में 80 सीट जीतेगी और 80 में रायबरेली तो शामिल ही है l और आज ‘उत्तर प्रदेश में 80 में 80’ का नारा पूरे उत्तर प्रदेश में भाजपा का नारा बन गया है।
स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र का जो बहाना श्रीमती सोनिया गांधी ने अपने द्वारा रायबरेलीवासियों को संबोधित पत्र में दिया है उसमें कोई दम नहीं है और यह एकदम झूठ है।
ठीक तो यह होता कि स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते वह राजनीति से पूरी तरह संन्यास ले लेती, परंतु सरकारी बंगला तथा अन्य सरकारी सुविधाओं के लालच में उन्होंने राजस्थान से राज्यसभा में जाने का जो निर्णय लिया है
उससे पूरी कांग्रेस पार्टी का लालची चरित्र उजागर हो गया है।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट