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गायत्री शक्तिपीठ अमेठी की नींव से जुड़े परिजनों को किया गया सम्मानित


गायत्री शक्तिपीठ अमेठी की नींव से जुड़े परिजनों को किया गया सम्मानित

डॉ० एस०पी० सिंह की स्मृति में दीपयज्ञ व श्रद्धॉंजलि समारोह

अमेठी । 4 सितम्बर

रविवार की शाम गायत्री शक्तिपीठ अमेठी के संस्थापक स्व० डॉ० सुरेंद्र प्रताप सिंह की २८वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धॉंजलि समारोह में गायत्री मंदिर के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाने वाले परिजनों को सम्मानित किया गया।

सम्मान समारोह का संचालन करते हुए डॉ० मीनाक्षी सिंह ने बताया कि 1979-80 में पिताजी ने न सिर्फ़ मंदिर निर्माण का संकल्प लिया बल्कि माँ गायत्री की प्राण प्रतिष्ठा तक नमक, चीनी का त्याग कर दो वर्षों तक अस्वाद भोजन के व्रत का पालन किया।

उस दौर में पिताजी का साथ देने के लिए कुछ बिरले लोग सामने आये, जिन्होंने पिताजी के साथ साइकिल से गाँव गाँव का भ्रमण कर जन जागरण का अभियान चलाया। इस अवसर पर गायत्री मंदिर की नींव से जुड़े परिजनों रामशंकर पाठक, सुभाष चंद्र द्विवेदी, राधेश्याम त्रिपाठी, डॉ० सत्यदेव मिश्रा, मगन लाल कौशल, राम यश मौर्य को गायत्री सिंह, डॉ० दीपक सिंह, विवेक सिंह, मनीषा सिंह व आदित्य सिंह द्वारा तिलक, माला, गायत्री मंत्र का दुपट्टा व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर आचार्य इंद्रदेव शर्मा व नीरज तिवारी ने नींव के पत्थरों ये मिशन का भवन, युग युगों तक तुम्हारा रहेगा ऋणी गीत गाकर ऐसे लोगों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।

कार्यक्रम की शुरुआत दीपयज्ञ के माध्यम से हुई। दीप यज्ञ के दौरान 501 दीप प्रज्ज्वलित किये तत्पश्चात गायत्री मंत्रोच्चार के साथ आहुति दी गई।माँ गायत्री की प्रतिमा के समक्ष टिमटिमाते सैकड़ों दीप व संगीतमय प्रस्तुति से पूरा माहौल दिव्य बन गया। गायन टीम के गीत ‘जय महाकाल – जय महाकाल’ पर श्रोतागण जमकर झूमे।

इस अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में स्व0 डॉ० सुरेंद्र प्रताप सिंह के कार्यों को याद किया गया व उनके द्वारा चलाये गए अभियान को गति देने का संकल्प लिया गया। स्व0 डॉ० सुरेंद्र प्रताप सिंह के सुपुत्र डॉ0 दीपक सिंह ने उपस्थिजनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 28 साल बीत गए लेकिन पिताजी की यादें अभी भी ताजी हैं। परम् पूज्य गुरुदेव की प्रेरणा से समाज सुधार के लिए उनकी सोच और प्रयास ने अनेकों लोगों की जीवन दिशा ही बदल दी

। उन्होंने कहा कि गायत्री शक्तिपीठ की नींव से जुड़े परिजनों ने जिस समर्पण, लगन व परिश्रम के साथ योगदान दिया है वो प्रेरणादायी है।समाज की सभी समस्याओं का समाधान गुरुदेव ने दिया है उनसे जुड़कर अपने जीवन को सार्थक करना मानव जीवन का परम् सौभाग्य है ।

ज़िला समन्वयक डॉ० त्रिवेणी सिंह ने संकल्प दिवस पर आये हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि स्व० डॉ० एस०पी॰ सिंह ने गुरुदेव की योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लिया था। गायत्री शक्तिपीठ अमेठी के माध्यम से जन कल्याणकारी योजनायें चलाई जा रही। गृहे गृहे गायत्री महायज्ञ, वृक्षारोपण, नशा उन्मूलन अभियान, माँ की संस्कार शाला, भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा, व्यक्तित्व परिष्कार कार्यशाला के माध्यम से गायत्री परिवार गाँव-गाँव, घर-घर पहुँच रहा है। इस अभियान को गति देने के लिए अधिक से अधिक लोग आगे आकर अपना योगदान दें यही डॉ० सिंह के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

कार्यक्रम के अंत में उपस्थित लोगों ने स्व० डॉ० सुरेंद्र प्रताप सिंह को याद करते हुए उनके चित्र पर पुष्पार्चन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी ।

मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट

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