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गायत्री परिवार ने आयोजित की संस्कारवान पीढ़ी गढ़ने की कार्यशाला


गायत्री परिवार ने आयोजित की संस्कारवान पीढ़ी गढ़ने की कार्यशाला

अमेठी । 29 जुलाई 2023

शनिवार को गायत्री शक्तिपीठ अमेठी पर संस्कारवान पीढ़ी गढ़ने की कार्यशाला में सैकड़ों महिलाओं ने प्रतिभाग किया ।

युगतीर्थ शान्तिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में पूरे देश में आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी का कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसके माध्यम से गर्भ से ही बच्चों को संस्कारयुक्त बनाने के लिए माँ की पाठशाला चलाई जा रही है ।

इसी क्रम में एक से आठ साल के बच्चों में मानवीय गुणों के विकास हेतु माँ की संस्कारशाला कार्यक्रम का शुभारंभ जुलाई माह में किया जिसके माध्यम से शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा 365 दिन का एक पाठ्यक्रम तैयार किया गया है जो माँ के माध्यम से बच्चों तक पहुँचाया जायेगा। आज की कार्यशाला के माध्यम से इन दोनों कार्यक्रमों से सैकड़ों महिलाओं को जोड़ा गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ गायत्री परिवार सुलतानपुर के ज़िला समन्वयक डॉ० सुधाकर सिंह की सहधर्मिणी नूतन सिंह के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं देव पूजन के साथ हुआ। माँ की पाठशाला विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में सुलतानपुर गायत्री परिवार की वरिष्ठ कार्यकर्त्री आशा श्रीवास्तव ने प्रकाश डालते हुए कहा कि हमने अभिमन्यु की कहानी सुनी है, प्रह्लाद की कहानी सुनी है और आज तो विज्ञान ने भी स्वीकार कर लिया है कि गर्भ से बच्चों में जो संस्कार विकसित होते हैं उनका प्रभाव लंबे समय तक रहता है ।

गायत्री परिवार माँ की पाठशाला के माध्यम से गर्भवती स्त्री के रहन सहन, पठन पाठन, खान पान और योग व्यायाम के बारे में नियमित कक्षायें चलाई जा रही जिससे जुड़कर लोगों का जीवन बदल रहा है ।

मुख्य अतिथि राकेश प्रताप सिंह ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संस्कारों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि माँ के कंधों पर बच्चों को संस्कारित करने के साथ ही परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है ।

प्रत्येक माँ को स्वयं भारत की महान सभ्यता और संस्कृति से जुड़ने के साथ ही अपने बच्चों को संस्कारित करना आज का युगधर्म है।

इस अवसर पर 31 जुलाई को बैंक प्रबंधक के पद से सेवानिवृत हो रहे राकेश प्रताप सिंह का पूर्व प्रबंधक अवधेश बहादुर सिंह, रमाकान्त मिश्रा, इंद्रदेव व सुभाष चंद्र द्विवेदी ने माला, अंगवस्त्र व गुरुदेव का साहित्य भेंटकर सम्मानित किया वि शुभकामनाएँ दी।
ज़िला समन्वयक डॉ० त्रिवेणी सिंह ने माँ की संस्कारशाला पर विस्तार से चर्चा करते हुए बच्चों में नैतिक मूल्यों के साथ ही स्मरण शक्ति बढ़ाने एवं जीवन के हर मोर्चे पर सफलता के लिए शान्तिकुंज हरिद्वार द्वारा चलाई जा रही योजना से सभी को जुड़ने का आवाहन किया ।

कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ0 प्रवीण सिंह दीपक ने करते हुए वर्तमान परिस्थितियों का ज़िक्र करते हुए मेरी आँखों का तारा ही मुझे आँखें दिखाता है सुनाकर लोगों को भाव विभोर कर दिया। डॉ० विजयलक्ष्मी सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।

परिव्राजक इंद्रदेव ने संस्कारों की परंपरा से भारत रहा महान गीत की प्रस्तुति दी ।

मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट 

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