पुर्णाहुति के साथ 5 दिवसीय पावन प्रज्ञा पुराण कथा एवं
गायत्री महायज्ञ सम्पन्न
सद्भाव और सहकार से परिवार होंगे सुखी
इंडोरामा जगदीशपुर (अमेठी) | 3 अप्रैल 2023
सोमवार को पुर्णाहुति के साथ इंडोरामा जगदीशपुर में चल रही 5 दिवसीय पावन प्रज्ञा पुराण कथा एवं 9 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का समापन हुआ।
युगतीर्थ शांन्तिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधि टोलीनायक रमेश चंद्र डेहरिया, सह टोलीनायक गोपाल मालवीय, गायक गोरा प्रसाद, वादक गणपत वैष्णव व सारथी शंकर नेताम द्वारा 31 मार्च से 3 अप्रैल तक प्रज्ञा पुराण कथा, गीत-संगीत, हवन पूजन का कार्यक्रम विधिवत कराया गया।
कार्यक्रम के अंतिम दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गायत्री महायज्ञ एवं पुर्णाहुति में भाग लिया। ततपश्चात शांन्तिकुंज की टोली की विदाई के साथ 5 दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ।
इसके पूर्व रविवार की शाम को प्रज्ञा पुराण कथा के पश्चात 1008 वेदीय गायत्री दीप महायज्ञ का भी आयोजन किया गया।
पावन प्रज्ञा पुराण कथा के चतुर्थ दिवस कथावाचक रमेश चंद्र डहेरिया ने बताया कि परिवार एक छोटा राष्ट्र या समाज है।
उसे सम्हालने, विकसित करने का दायित्व निभाना होता है। परिवार एक पवित्र संयुक्त संगठन है। उसकी सुव्यवस्था पारस्परिक सद्भभाव -सहकार से बनती है।
अपनी अपेक्षा दूसरों की सुविधा का अधिक ध्यान रखने पर ही किसी परिवार में आत्मीयता एवं सहकार के सद्भाव विकसित होता है। हर बुद्धि मान व्यक्ति को परिवारगत अनुशासन में बंधना ही चाहिए इसी में कल्याण है।
गुणकर्म स्वभाव को उच्चस्तरीय बनाने एवं व्यक्तित्व को गौरवशाली बनाने का पाठ परिवार की पाठशाला में पढ़ाया जाना आवश्यक है। परिवार का हर सदस्य एक दूसरे के साथ शिष्टाचार बरते, सम्मान करे, मधुर बोले। कटु और अपमान सूचक शब्द न बोलें । व्यक्ति को बहुत सम्भालकर बोलना चाहिए।
कटु वचन अनेक समस्याओं का कारण बन जाता है। बोलना व्यक्ति को तीन वर्ष में आ जाता है पर कहां, कब और क्या बोलना है यह जीवन भर सीखते रहना चाहिए।
प्रज्ञा पुराण कथा के समापन के अवसर पर एक हजार आठ वेदीय गायत्री दीप महायज्ञ में टिमटिमाते दीपों से पूरा माहौल दिव्य बन गया। दीप की पावन रोशनी में गायत्री मंत्र की आहुति दी गई। साथ ही लोगों को एक बुराई छोड़ने और एक अच्छाई धारण करने का संकल्प भी दिलाया गया।
इस अवसर पर हुआ जन्मदिन, विद्यारम्भ, उपनयन, गुरु दीक्षा आदि संस्कार भी सम्पन्न हुए।
इंडोरामा के यूनिट हेड राजेन्द्र शंखे ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि गायत्री परिवार राष्ट्र के उत्थान के लिए जमीनी स्तर पर कार्य कर रहा है।व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण और समाज निर्माण ही राष्ट्र निर्माण की धुरी है।
उपाध्यक्ष एम०पी० यादव ने परम् पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के उद्घोष हम सुधरेंगे युग सुधरेगा, हम बदलेंगे युग बदलेगा को आत्मसात करते हुए अपने आप से शुरुआत करने की बात कही।
इस अवसर पर आर के लड्ढा, मनोज झा, सजल यादव, डॉ० त्रिवेणी सिंह, कौशल किशोर वैश्य, राधेश्याम तिवारी, रामशंकर पाठक सहित सैकड़ों गणमान्य उपस्थित रहे। महिलाओं व युवाओं की उत्साहजनक उपस्थिति दिखाई दी।
ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट