नन्हे से मुजाहिद अली असगर की याद में झूला उठाया गया
नसीराबाद,रायबरेली
मीर आले नबी मरहूम के इमामबाड़े पर अशरे की नवीं मजलिस को खिताब करते हुए जनाब अश हद ने 6 माह के अली असगर की शहादत के घटना को बयान किया जिसे सुन कर लोग ग़म में डूब गए और इस मजलिस में अली असगर का झूला भी बरामद हुआ ।जिसे देख कर पूरा माहौल गमगीन हो गया गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी विश्वविख्यात शायर खादिम शब्बीर ने नन्हें से मुजाहिद अली असगर अली असगर नौहा पढ़ा और छोटे छोटे बच्चे हाथों के कूजा लिए अला तश आला तश के सदा बुलंद करते हुए सरों को पीट रहे थे इस मंजर को देख कर और सुन कर लोगों ने खूब गिरिया किया ।
उधर राहत हुसैन मरहूम के इमामबाड़े में मौलाना जीशान मेहदी रिज़वी ने मजलिस को खिताब किया और मुल्क में भाई चारा बनाए रखने व सत्य वा अहिंसा के रास्ते पर चलने और ज़ालिम के सामने न झुकने का पैगाम दिया, और करबला में तीन दिन के भूखे व प्यासे इमाम हुसैन और उनके साथियों व 6 माह के अली असगर की शहादत का जिक्र किया जिसे सुन कर सभी औरत , मर्द व बच्चे भी रोने लगे।
जिसमें नकी रजा , शाहनवाज, राजिक अली, दिलबर , जफर अब्बास, वजीर अब्बास , हाशिम शब्बीर, अबान रिज़वी, अली अख्तर, जकी एडवोकेट, फरहत हुसैन , क़ासिम हुसैन, हसन रजा, सुल्तान अख्तर सहित सैकड़ों लोगों ने शिरकत की ।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट