बीजेपी ने फिर खेला दलित कार्ड: बुद्धि लाल पासी को दोबारा मिली जिम्मेदारी
रायबरेली
भारतीय जनता पार्टी ने 2027 विधानसभा चुनावों की तैयारियों के तहत एक बार फिर पासी समाज पर भरोसा जताते हुए बुद्धि लाल पासी को रायबरेली जिला अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है। आज अटल भवन में आयोजित कार्यक्रम में उनके नाम की घोषणा होते ही समर्थकों में हर्ष की लहर दौड़ गई। भाजपा द्वारा दलित समुदाय से आने वाले नेता को दोबारा संगठन की कमान सौंपना राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
रायबरेली की विधानसभा सीटें एवं पासी समाज का प्रभाव
रायबरेली जिले में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं
रायबरेली
सरेनी
ऊंचाहार
बछरावां
हरचंदपुर
तिलोई
पासी समाज की आबादी पूरे जिले में महत्वपूर्ण संख्या में है, विशेष रूप से बछरावां, सरेनी और ऊंचाहार में इनका वोट निर्णायक भूमिका अदा करता है। लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रही रायबरेली में भाजपा दलित समाज को अपने पक्ष में करने की रणनीति पर काम कर रही है।
जातीय समीकरण मजबूत करना
पासी समाज को नेतृत्व में स्थान देकर भाजपा ने यह संदेश दिया है कि वह इस समुदाय को पार्टी का अभिन्न हिस्सा मानती है।
कांग्रेस के गढ़ में सेंध
रायबरेली परंपरागत रूप से कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है, लेकिन भाजपा दलित व पिछड़े वर्ग को साधकर कांग्रेस को चुनौती देने की तैयारी कर रही है।
स्थानीय नेतृत्व को प्राथमिकता
प्रदेश नेतृत्व ने बुद्धि लाल पासी जैसे जमीनी नेता को फिर से मौका देकर स्थानीय स्तर पर संगठन को मजबूत करने की मंशा जाहिर की है।
2027 में क्लीन स्वीप का लक्ष्य
भाजपा का उद्देश्य रायबरेली की सभी 6 सीटों पर विजय प्राप्त करना है, जिसके लिए बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने का काम शुरू कर दिया गया है।
राजनीतिक संदेश और संभावित परिणाम
भाजपा नेता उमा शंकर चौरसिया,राम तिलक पासी,रामेश्वर वेश ने कहा कि बुद्धि लाल पासी को फिर से अध्यक्ष बनाना संगठन के प्रति उनकी निष्ठा और मेहनत का सम्मान है। चैतन्य सिंह भदौरिया ने बुद्धीलाल पासी को पुनः जिलाध्यक्ष बनाए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि संगठन और मजबूत हो कर उभरेगा।वहीं प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कांग्रेस ने हमेशा पासी समाज के वोट लिए, लेकिन नेतृत्व में भागीदारी नहीं दी, जबकि भाजपा ने इस समुदाय को सम्मान देने का कार्य किया है।
बुद्धि लाल पासी ने भी संगठन को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे और 2027 में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे।
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बनी रणनीत
भाजपा का यह कदम स्पष्ट संकेत देता है कि वह 2027 के चुनावों को लेकर जातीय और सामाजिक समीकरणों को साधने में जुटी हुई है। पासी समाज को नेतृत्व देकर भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ एक नई राजनीतिक रणनीति अपनाई है, जिसका प्रभाव आगामी विधानसभा चुनावों में साफ दिख सकता है।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट