ज़िले में बढ़ रहा अपराधों का ग्राफ, नियंत्रण में असफल पुलिस
रायबरेली।
जनपद में इन दिनों अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है और उसे नियंत्रित कर पाने में पुलिस असफल नज़र आ रही है और सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाने में व्यस्त है।
भाषणों में भले ही सरकार अपराध पर नियंत्रण कर कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की बात कर रही है
किन्तु यह सब वास्तविकता से परे ही है। वास्तव में अपराधियों के हौंसले बुलंद हो रहे जैसे कानून का कोई भय ही नही। ऐसा हो भी क्यों न जब पुलिस नागरिक सुरक्षा को छोड़कर राजस्व वसूली में व्यस्त हो। ऐसा लगता है
कि पुलिस का कार्य मात्र वाहनों का चालान करना व अपराध को दबाने के नाम पर धन उगाही करना ही शेष रह गया है। आजकल हर जगह मौजूद पुलिसकर्मी नियमों को दरकिनार कर हाथों में मोबाइल का कैमरा खुला रखते हैं और जान जोख़िम में डाल कर वाहनों के पीछे भागते नज़र आते रहते हैं कि कैसे भी एक चित्र मिल जाए और चालान कर सकें, मानो वाहन चालक ने कोई जघन्य कृत्य कर दिया है।
इतनी ही सक्रियता यदि अपराध नियंत्रण में दिखाई जाए तो संभवतः कुछ सुधार हो भी जाए।
दूसरी ओर इन दिनों मंत्रियों का आवागमन भी लगा हुआ है
जिसके चलते अधिकांश पुलिसकर्मी वीआईपी सुरक्षा में तैनात कर दिए जाते हैं तो ऐसे में अपराधों का बढ़ना स्वाभाविक है।
विकास श्रीवास्तव की रिपोर्ट