एम्स में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ने निःशुल्क गर्भाशय ग्रीवा एवं स्तन कैंसर जांच एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया
एम्स, रायबरेली
एम्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ने निःशुल्क गर्भाशय ग्रीवा एवं स्तन कैंसर जांच एवं जागरूकता कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इसका उद्देश्य भारत में महिलाओं को प्रभावित करने वाले दो सबसे आम कैंसरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उनका शीघ्र पता लगाने को प्रोत्साहित करना था। इस कार्यक्रम में संकाय सदस्यों, नर्सिंग अधिकारियों, अस्पताल कर्मचारियों और उनके परिवारों की उत्साहपूर्ण भागीदारी की। शिविर के दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं ने गर्भाशय ग्रीवा और स्तन कैंसर की जांच कराई।
प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रमुख डॉ. वंदना वर्मा ने गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से निपटने में निवारक स्वास्थ्य सेवा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने नियमित जांच, एचपीवी टीकाकरण और प्रारंभिक चेतावनी संकेतों के बारे में जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया। अस्पताल टीम के सहयोगात्मक प्रयास की सराहना करते हुए उन्होंने नियमित रूप से इसी तरह की पहल करने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. पारुल सिन्हा ने भारत में, विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की महामारी विज्ञान और बोझ पर प्रकाश डाला। उन्होंने शुरुआती निदान में पैप स्मीयर और वीआईए (एसिटिक एसिड के साथ दृश्य निरीक्षण) की प्रभावशीलता पर जोर दिया और स्त्री रोग संबंधी स्वास्थ्य के बारे में आम मिथकों को खारिज किया। डॉ. बनश्री नाथ ने कैंसर के निदान के मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक प्रभाव के बारे में बात की। उन्होंने स्क्रीनिंग और उपचार की पूरी यात्रा के दौरान रोगियों और उनके परिवारों के लिए सहानुभूतिपूर्ण देखभाल, भावनात्मक समर्थन और परामर्श के महत्व पर जोर दिया।
एक ज्ञानवर्धक सत्र में, जनरल सर्जरी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. रौनक ने स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता को संबोधित किया, जिसमें जोखिम कारक, स्तन स्व-परीक्षा तकनीक और प्रारंभिक पहचान में मैमोग्राफी की भूमिका जैसे प्रमुख विषयों को शामिल किया गया।
कार्यक्रम ने महिलाओं के लिए सक्रिय और निवारक देखभाल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में कार्य किया और स्वास्थ्य साक्षरता को बढ़ावा देने में सामुदायिक भागीदारी की भूमिका को रेखांकित किया।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट