एडजस्टमेंट नहीं बीमारी को जड़ से खत्म करती है होम्योपैथी : डॉ रमेश श्रीवास्तव
आईएचओएस ने मनाया 270वां विश्व होम्योपैथी दिवस
रायबरेली।
इंटलेक्चुअल होम्योपैथिक ऑब्जेक्टिव समिति रायबरेली की ओर से शहर के एक होटल में 270वां विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया गया। जिसमें जर्मनी के तृतीय होम्योपैथिक समिति में सम्मानित हुए संस्था के अध्यक्ष डॉक्टर रमेश श्रीवास्तव एवं वैज्ञानिक सलाहकार डा रफत आलम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिले सम्मान को लेकर उन्हें बधाई दी गई और संस्था की ओर से माल्यार्पण कर उनका स्वागत हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ होम्योपैथिक के जनक डॉक्टर हैनीमैन की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था के अध्यक्ष डॉक्टर रमेश श्रीवास्तव ने कहा कि आज डॉक्टर के साथ-साथ बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही है। ऐसा इसलिए है कि आधुनिक चिकित्सा बीमारियों के एडजस्टमेंट और मैनेजमेंट पर काम करती हैं जबकि होम्योपैथ बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए काम कर रहा है। बहुत सी बीमारियां जिनका इलाज आधुनिक चिकित्सा पद्धति में नहीं है उसे होम्योपैथी ठीक कर रही है।
डॉक्टर ने कहा कि होम्योपैथी भले ही जर्मनी से चला हो लेकिन भारत में सबसे तेजी के साथ इसका विकास हो रहा है।
अपने बयान में डॉक्टर ने आमजन से होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को अपनाने की अपील की। कार्यक्रम में बच्चों, महिलाओं व चिकित्सकों द्वारा रंगारंग प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम का संचालन डा प्रभात श्रीवास्तव ने किया।
इस दौरान बड़ी संख्या में जिले भर से होम्योपैथी के डॉक्टर और जिले के वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित रहे। संस्था की ओर से आए हुए अतिथियों का माल्यार्पण कर उनका सम्मान किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ राजीव सिंह, डॉ सुनील त्रिवेदी, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ आशीष श्रीवास्तव, डॉ अमर शुक्ला, डॉ के सी चौधरी, डॉ क्रांति कुमार सिंह, डॉ सुशील सोमवंशी, डॉ दिलीप गुप्ता, डॉ खालिदा, डॉ आशुतोष श्रीवास्तव, डॉ पवन वर्मा, अजमेरी बाबू आदि का सराहनीय योगदान रहा।
अंत में डॉ राजीव सिंह एवं डॉ सुनील त्रिवेदी द्वारा कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट