महमदपुर नमकसार में लाखों की लागत से बना सामुदायिक शौचालय बदहाल
नसीराबाद रायबरेली।गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए सरकार की ओर से व्यक्तिगत शौचालयों के साथ हर ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया है। सामुदायिक शौचालयों के संचालन के लिए महिला कर्मियों की तैनाती कर उन्हें प्रति माह 6,000 रुपये मानदेय और साफ-सफाई के लिए 3,000 रुपये भी दिए जाते हैं। बावजूद इसके जिम्मेदारों की उदासीनता और कर्मियों की लापरवाही के चलते ग्रामीण स्वच्छता की योजना को पंख नहीं लग पा रहे हैं। देखरेख के अभाव में जहां कई शौचालय बंद हैं तो कई स्थानों पर मूलभूत संसाधन तक गायब हैं। प्रस्तुत है पड़ताल करती हुई एक रिपोर्ट…
सीन- एक, महमदपुर नमकसार ताले में कैद रहा शौचालय
छतोह विकासखंड के ग्राम पंचायत महमदपुर नमकसार स्थित सामुदायिक शौचालय जो सिर्फ शोपीस मात्र बन कर रह गया है।वहीं यह सामुदायिक देख रेख के आभाव में जर्जर स्थित हो गया।और लाखों रूपए खरच कर बनवाया गया यह सामुदायिक शौचालय हमेशा बंद होने के चलते ग्रामीणों को इस का लाभ नही मिल पा रहा है।आसपास काफी गंदगी फैली हुई थी। ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण के बाद से ही शौचालय में ताला जड़ा हुआ है। संचालन के लिए किसी की तैनाती है भी कि नहीं, इसकी कोई जानकारी नहीं। ग्रामीण अनिकेश कुमार ने मुख्यंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सामुदायिक शौचालय को सुचारू रूप से संचालन कराए जाने की मांग की है।
वहीं मामले की जांच एडीओ छतोह को सौंपी गई हैं।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट