भारत सरकार द्वारा नवाचार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 3.6 करोड़ के परियोजना की स्वीकृति
राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान, जायस, अमेठी को विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार ने क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 3.6 करोड़ राशि की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की है
विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग ने यह परियोजना समावेशी तकनीकी एवं व्यावसायिक नवोन्मेष (आई.टी.बी.आई.) केंद्र की स्थापना के लिए स्वीकृत की है।
इस केन्द्र का उद्देश्य ऊर्जा, कृषि एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्टार्टअप गतिविधियों का विकास एवं सहायता प्रदान करना है।
यह भारत सरकार की अकादमिक संस्थानों के लिए शुरू की गई तीन वर्षीय परियोजना है जिसके अंतर्गत उच्च शैक्षणिक संस्थान, छात्रों, शिक्षकों, उद्यमियों एवं आसपास के समुदायों के बीच नवाचार एवं उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य करेंगे।
इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ अंकुर पांडेय और सह अन्वेषक डॉ सप्तर्षि घोष, डॉ गार्गी श्रीवास्तव एवं डॉ करन मलिक हैं।
आरजीआईपीटी ने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के सहयोग से कैम्पस में एक इनक्यूबेशन केन्द्र की स्थापना की है और इस परियोजना के अतंर्गत चयनित लोगों को नवाचार एवं उद्यमिता से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा
ताकि वे अपने व्यावसायिक सोच को प्रोटोटाइप एवं प्रोटोटाइप को स्टार्ट-अप के रूप में विकसित कर अपना व्यवसाय शुरू कर सके।
यह केंद्र स्टार्ट-अप के लिए सभी तरह के आधुनिक उपकरण एवं सुविधाओं से लैस होगा ताकि एक छत के नीचे युवाओं को सभी सुविधाएँ प्रदान की जा सके।
संस्थान के निदेशक आचार्य अखौरी सुधीर कुमार सिन्हा ने आरजीआईपीटी को यह परियोजना स्वीकृत करने के लिए विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया है।
और कहा कि इस परियोजना के माध्यम से अमेठी क्षेत्र के युवाओं के बीच नवाचार को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट