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Home / उत्तर प्रदेश / अब स्कूलों के बाहर सड़क पर वाहनों की पार्किंग रोकने और यातायात को सुधारने के लिए सरकार द्वारा बनाई जाएगी योजना 

अब स्कूलों के बाहर सड़क पर वाहनों की पार्किंग रोकने और यातायात को सुधारने के लिए सरकार द्वारा बनाई जाएगी योजना 


लखनऊ

अब स्कूलों के बाहर सड़क पर वाहनों की पार्किंग रोकने और यातायात को सुधारने के लिए सरकार द्वारा बनाई जाएगी योजना 

अब स्कूलों के बाहर सड़क पर वाहनों की पार्किंग रोकने और यातायात को सुधारने के लिए सरकार द्वारा योजना बनाई जाएगी। इसके लिए डीएम महोदय ने सभी बड़े स्कूलों से तीन दिन में कार्य-योजना मांगी गई है। इसके अनुसार जिला प्रशासन हर स्कूल के लिए अलग से ट्रैफिक प्लान तैयार करवाएगा। डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि संभागीय आयुक्त के निर्देश के अनुसार शुक्रवार को सभी स्कूल संचालकों के साथ वर्चुअल बैठक की गई. स्कूलों के बाहर जाम न लगे इसके लिए सभी से स्थाई कार्ययोजना मांगी गई। इसके मिलते ही जिला प्रशासन की टीम स्कूलों का निरीक्षण करेगी और फिर ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाएगा। इसे हर स्कूल के लिए अलग-अलग तैयार किया जाएगा, क्योंकि हर स्कूल की समस्या अलग-अलग होती है।
डीएम ने कहा कि कई स्कूल ऐसे हैं जिनके परिसर में काफी जगह है, लेकिन वे वाहनों को अंदर नहीं जाने देते। इनसे बातचीत कर वाहनों को अंदर खड़ा कराया जाएगा। साथ ही वाहनों की मूवमेंट के लिए योजना लागू कराई जाएगी। जिन स्कूलों में गाड़ियां खड़ी करने की जगह नहीं है, वहां भी इसके लिए व्यवस्था कराई जाएगी। स्कूल तीन दिन में कार्ययोजना बनाकर देंगे। इसके तुरंत बाद ट्रैफिक प्लान बनाकर एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए सत्र से इसे लागू करवाया जाएगा।

स्कूलों के सहयोग न देने के कारण ट्रैफिक अभियान ठंडे बस्ते में
वर्ष 2022 के अगस्त में स्कूलों के बाहर जाम खत्म करने के लिए पूरे महीने अभियान चला। पुलिस अधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन, शासन के अधिकारी तक सड़क पर उतरे। डीएम, संयुक्त पुलिस आयुक्त, मंडलायुक्त और एडीजी ट्रैफिक खुद छुट्टी और स्कूल खुलने के समय परिसर के बाहर खड़े रहे, लेकिन, हजरतगंज के आसपास के मिशनरी स्कूलों पर सख्ती नहीं की गई। यहां सड़कों को वन-वे करके ट्रैफिक व्यवस्था ठीक करने की कोशिश हुई। उधर, स्कूलों ने गाड़ियां अंदर नहीं आने दीं। उनके सहयोग न करने से पुलिस खुद ट्रैफिक संभालने के लिए जूझती रही। चौक, गोमतीनगर के बड़े स्कूलों ने भी न तो गाड़ियों को अंदर खड़ा होने दिया और न ही ट्रैफिक संभालने के लिए कर्मचारी लगाए। अधिकतर समय स्कूलवाले पुलिस पर ही निर्भर रहे।

लखनऊ से सुधा गुप्ता की रिपोर्ट

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