Breaking News
IMG_20220713_105726
IMG_20220713_110408
IMG_20220713_110226
IMG_20220713_124754
20220824_233757
IMG_20220916_085719
previous arrow
next arrow
Home / उत्तर प्रदेश / पुलिस-प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम अवैध खनन

पुलिस-प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम अवैध खनन


पुलिस-प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम अवैध खनन

परसदेपुर में हाईवे किनारे जेसीबी से चल रहा मिट्टी खनन, जिम्मेदार बेखबर

परसदेपुर रायबरेली

डीह थाना क्षेत्र के परसदेपुर पावर हाउस के पास सोमवार को सुबह तक हाईवे किनारे अवैध खनन होता रहा। जेसीबी मशीन से मिट्टी की खुदाई और ट्रैक्टर-ट्रालियों से ढुलाई का सिलसिला दिन के उजाले तक जारी रहा, लेकिन संबंधित विभागों के अधिकारी मूकदर्शक बने रहे।स्थानीय लोगों की मानें तो यह खनन माफियाओं का रोज का खेल बन चुका है। शाम ढलते ही क्षेत्र में ट्रैक्टर-ट्रालियों की भरमार दिखती है, जो मिट्टी भरकर निकलती हैं। सुबह तक यह सिलसिला जारी रहता है। परसदेपुर चौकी के पास हाईवे पर मिट्टी से लदी तेज रफ्तार ट्रालियों के चलने से राहगीरों को भी जान का खतरा बना रहता है।ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अवैध खनन में स्थानीय स्तर पर कुछ प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत हो सकती है, तभी यह धंधा इतने खुलेआम चल रहा है। जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई के बजाय चुप्पी साधे हुए हैं।जब उपजिलाधिकारी सलोन से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। पुलिस उपाधीक्षक सलोन से बात करने पर उन्होंने कहा, “मुझे जानकारी नहीं है, थानाध्यक्ष से पता कीजिए।” अब सवाल उठता है कि जब अवैध खनन उनकी सर्किल में हो रहा है तो क्या उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती?

प्रशासनिक चुप्पी से ग्रामीणों में आक्रोश

ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो यह अवैध खनन किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। हाईवे पर दौड़ती तेज रफ्तार ट्रालियां कभी भी दुर्घटना को अंजाम दे सकती हैं।प्रशासनिक लापरवाही और माफियाओं के हौसले बुलंद होने से क्षेत्र में कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं।

मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट

About Lucky Srivastava

Lucky Srivastava

Check Also

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सेंट्रल पीस कमेटी की बैठक सम्पन्न

🔊 पोस्ट को सुनें जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सेंट्रल पीस कमेटी की बैठक सम्पन्न उत्साह …

Leave a Reply

Your email address will not be published.