आरजीआईपीटी में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन*
जायस, अमेठी
राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान (आरजीआईपीटी), जायस, अमेठी में आज 11 फरवरी 2024 को “अमेठी जिले में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का मूल्यांकन एवं सामाजिक-आर्थिक प्रभाव” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला का आयोजन भारतीय सामाजिक विज्ञान परिषद के सहयोग से किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ आरजीआईपीटी के सह-आचार्य एवं परियोजना निदेशक डॉ. रोहित बंसल तथा डॉ. अनूप तिवारी, जिला कार्यक्रम समन्वयक, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, अमेठी, जितेन्द्र प्रसाद, वरिष्ठ प्रबंधक- संचालन, डॉ. वी.सी. द्विवेदी, डॉ. ओमिका चौहान एवं डॉ. राजीव चौधरी द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र की शुरुआत डॉ. रोहित बंसल तथा डॉ. अनूप तिवारी के संबोधन से हुई, जिसके अंतर्गत कार्यशाला के उद्देश्यों एवं विषयवस्तु से अवगत कराते हुए शोध परियोजनाओं के उद्देश्यों पर चर्चा की गई। साथ ही, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के उद्देश्यों एवं इसके हितधारकों को होने वाले लाभों से अवगत कराया गया।
दूसरे सत्र में कार्यप्रणाली सत्र का आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत प्राथमिक डेटा का संग्रह, संकलन, संगठन और विश्लेषण तथा विषय पद्धति अनुभाग के अंतर्गत मूल्यांकन ढाँचा, डेटा के स्रोत, नमूना डिज़ाइन, नमूना चयन की विधि तथा प्राथमिक डेटा का विश्लेषण विषयों को सम्मिलित किया गया।
तृतीय सत्र में पीएमजेएवाई के तहत लाभार्थियों पर सामाजिक-आर्थिक प्रभाव और ईएचसीपी से संबंधित चुनौतियों के प्रमुख निष्कर्षों पर प्रस्तुति दी गई और मुख्य निष्कर्षों और प्रतिभागियों की भूमिका पर चर्चा की गई। चौथे एवं अंतिम सत्र में पीएमजेएवाई लाभार्थियों, आशाओं तथा चिकित्सकों के साथ चर्चा की गई और उनसे फीडबैक लिए गये।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के बारे में विशेषज्ञों ने बताया कि जागरुकता के अभाव के कारण लोगों तक सही तरीके से इसका लाभ नहीं पहुँच पा रहा है
जिसे और प्रभावी ढंग से लागू कराये जाने की आवश्यकता है। PMJAY के संबंध में जानकारी की कमी को दूर करने के लिए केंद्रित जागरुकता पहल के अंतर्गत जागरुकता कार्यक्रम बढ़ाये जायें और उन्हें क्रियान्वित किया जाय।
स्वास्थ्य देखभाल के लाभ प्राप्त करने हेतु निष्पक्ष और समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कम भागीदारी दर वाले क्षेत्रों में प्रतिबद्धता बढ़ाई जाए। प्रशासनिक कार्यों में लगने वाले समय को कम करने के लिए पूर्व-प्राधिकरण अनुमोदन प्रक्रियाओं की दक्षता बढ़ाई जाए।
आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को तकनीकी सहायता प्रदान करके अपर्याप्त पैथोलॉजी परीक्षण उपकरण और तकनीकी कठिनाइयों का समाधान किया जाय। कार्मिकों को व्यापक प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे लाभार्थियों के तेजी से पंजीकरण और समय पर पूर्व-प्राधिकरण की गारंटी दी जा सकती है। इंटरनेट कनेक्टिविटी और तकनीकी बुनियादी ढांचे में सुधार करके पूर्व-प्राधिकरण अनुरोधों के दौरान आने वाली तकनीकी बाधाओं को कम किया जाए।
पीएमजेएवाई द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के व्यापक उपयोग की गारंटी के लिए लाभार्थियों को अतिरिक्त लाभों, विशेष रूप से बाह्य रोगी देखभाल (ओपीडी) की पहुंच के बारे में बताया जाय।
अमेठी जनपद में पीएमजेएवाई की दक्षता और प्रभावकारिता का लगातार मूल्यांकन करने के लिए एक मजबूत निगरानी और मूल्यांकन ढांचा लागू किया जाए। कार्यक्रम के दौरान डॉ. रोहित बंसल के नेतृत्व में, जहां उन्होंने लाभार्थियों के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव के बारे में मुख्य निष्कर्ष प्रदान किए और अमेठी जिले में एबी-
पीएमजेएवाई के महत्व पर चर्चा की। वही अनूप तिवारी ने सभी को पीएमजेएवाई से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
पीएमजेएवाई से संबंधित सभी हितधारकों को उनके बीच की बाधाओं को दूर करने के लिए आमंत्रित किया गया था। जिसमें डॉ. वी.सी. द्विवेदी, डॉ. ओमिका चौहान, डॉ. राजीव चौधरी, डॉ. रेनू चौधरी, सुनीता पाल और अन्य लाभार्थी भी उपस्थित थे।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट