ईसीएचएस और एम्स रायबरेली के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए
पूर्व सैनिकों को मिलेगा बेहतर चिकित्सा लाभ
एम्स, रायबरेली
पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए चिकित्सा सुविधाओं को और अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ECHS) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) रायबरेली के बीच आज समझौता ज्ञापन (MoA) पर हस्ताक्षर किए गए। इस ऐतिहासिक समझौते के तहत एम्स रायबरेली ECHS के तहत पैनल में शामिल होने वाला पहला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बन गया है, जिससे अब पूर्व सैनिकों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्राप्त होगी।
यह समझौता मेजर जनरल सलील सेठ, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, मध्य उत्तर प्रदेश सब एरिया, और प्रोफेसर (डॉ) अरविंद राजवंशी, अधिशाषी निदेशक, एम्स रायबरेली के बीच आधिकारिक रूप से संपन्न हुआ। इस अवसर पर एम्स रायबरेली के वरिष्ठ अधिकारियों में प्रो. नीरज कुमारी, डीन, कर्नल अखिलेश सिंह, उप-निदेशक (प्रशासन), डॉ. नीरज कुमार श्रीवास्तव, एएमएस, और कर्नल उपेंद्र नाथ राय, वित्तीय सलाहकार उपस्थित रहे। इसके अलावा, भारतीय सैन्य बलों के विभिन्न स्तरों के ईसीएचएस अधिकारियों ने भी इस महत्वपूर्ण आयोजन में भाग लिया, जो कि पूर्व सैनिकों के स्वास्थ्य कल्याण को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एम्स रायबरेली का ईसीएचएस के तहत समावेश भारतीय सैन्य बलों के पूर्व सैनिकों को आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं, उन्नत निदान सेवाएं, सुपर स्पेशियलिटी उपचार और आपातकालीन देखभाल का लाभ प्रदान करेगा। एम्स रायबरेली, जो अपनी अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं और विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए जाना जाता है, अब ईसीएचएस के तहत पूर्व सैनिकों को समग्र स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगा।
एम्स रायबरेली का ईसीएचएस पैनल में शामिल होना भारतीय सैन्य बलों के पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए उच्च-गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं को सुगम बनाने की एक महत्वपूर्ण पहल है। यह कदम उन योद्धाओं के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता को दर्शाता है, जिन्होंने अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय देश की सेवा और रक्षा के लिए समर्पित किया। अब, एम्स रायबरेली के जुड़ने से पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को वित्तीय बाधाओं के बिना उन्नत और विशेष स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
यह समझौता पूर्व सैनिकों की चिकित्सा सुविधाओं को सशक्त करने की दिशा में भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पहल से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान होगी, बल्कि पूर्व सैनिकों को उनके योगदान के लिए सम्मानजनक चिकित्सा देखभाल भी सुनिश्चित की जाएगी।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट