प्रज्ञा पुराण है वर्तमान युग की औषधि- सुषमा तिवारी
तिलोई । 28 मई 2024
हनुमान गढ़ी तिलोई में चल रहे पावन प्रज्ञा पुराण के दूसरे दिन कथा वाचक सुषणा तिवारी ने बताया कि परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने प्रज्ञा पुराण कथा का महत्व बताते हुए लिखा है कि जिस तरह दूध का सार तत्व घृत है जिसकी कीमत सबसे अधिक है इसी तरह सारे शास्त्रों का सार तत्व प्रज्ञा पुराण है जो आज की औषधि है।
आज व्यक्ति का शरीर नहीं मन बीमार है ।
मन और अंतःकरण को ठीक करने के लिए 24 शक्तियों के जागरण की आवश्यकता होती है। प्रज्ञा पुराण में 24 शक्तियों का तेज समाया हुआ है ।
प्रज्ञा पुराण की आवश्यकता एक कथा के माध्यम से बताते हुए उन्होंने कहा कि जब सतयुग का समय था तो देवता और असुर अलग-अलग लोक में रहा करते थे, उस समय में भगवान 6 कला से आए। फिर त्रेता का समय आया तो देवता और असुर एक ही पृथ्वी लोक में रहने लगे राम अयोध्या में रावण लंका में उस समय भगवान 12 कला से आये।
फिर द्वापर में देवता और असुर दोनों एक ही परिवार में रहने लगे और तब भगवान कृष्ण आए 16 कला से।
दिनों दिन स्थिति भी विषम होती चली गई और कलयुग में स्थिति इतनी विषम हो गई की देवता और असुर दोनों ही एक ही शरीर के अंदर रहने लगे तब परम पूज्य गुरुदेव आए 24 कला से।
आज व्यक्ति के मन के अंदर महाभारत चल रहा है और इसलिए प्रज्ञा पुराण कथा की आवश्यकता है।
व्यक्ति निर्माण के लिए गुरुदेव ने विचार क्रांति अभियान का सूत्रपात किया और गायत्री मंत्र को घर-घर और जन-जन तक पहुंचाने के लिए कठोर साधना की।
कथा के उपरांत माँ गायत्री की आरती के साथ दूसरे दिन के कार्यक्रम का समापन हुआ।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट