आर.जी.आई.पी.टी. में फिपी छात्र चैप्टर का 12वां वार्षिक सम्मेलन संपन्न
जायस,रायबरेली
राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान में आज 4 अप्रैल 2024 को फिपी छात्र चैप्टर के 12वें वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया।
यह वार्षिक सम्मेलन नेट जीरो लक्ष्य की दिशा में हाइड्रोकार्बन उद्योग के कदम विषय पर फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री (फिपी) के सहयोग से आयोजित किया गया है।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन आज फिपी के महानिदेशक श्री गुरमीत सिंह, बी.पी.सी.एल. के कार्यकारी निदेशक श्री एन. चंद्रशेखर, आई.ओ.सी.एल. के कार्यकारी निदेशक श्री राजेश सिंह, संस्थान के निदेशक अखौरी सुधीर कुमार सिन्हा, अधिष्ठाता प्रो. आलोक कुमार सिंह, विभागाध्यक्ष प्रो. सतीश कुमार सिन्हा एवं सह-प्राध्यापक डॉ. शिवांजलि शर्मा ने दीप प्रज्वलन कर किया।
इस कार्यक्रम में आई.आई.टी. गुवाहाटी, आई.आई.टी धनबाद, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय, पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय गाँधीनगर, यूपीईएस देहरादून, जवाहरलाल नेहरू तकनीकी विश्वविद्यालय काकीनाडा के साथ राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्रों की 7 टीमों ने प्रतिभाग किया और अपने-अपने संस्थानों में फिपी छात्र चैप्टर के बैनर तले किये जा रहे कार्यों एवं उपलब्धियों से उपस्थित विशेषज्ञों को अवगत कराया और भविष्य के लिए अपनी कार्य योजना प्रस्तुत किया
। इसके अलावा, विभिन्न संस्थानों के छात्र चैप्टर के प्रतिनिधियों ने नेट जीरो लक्ष्य की दिशा में हाइड्रोकार्बन उद्योग के कदम पर किये जा रहे शोध कार्यों और संभावित प्रयासों से उपस्थित लोगों का अवगत कराया।
इस अवसर पर श्रेष्ठ कार्य करने वाले छात्र चैप्टर को पुरस्कृत भी किया गया। इसके अंतर्गत पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय गाँधीनगर को सर्वश्रेष्ठ छात्र चैप्टर एवं आर.जी.आई.पी.टी. के छात्र चैप्टर को उपविजेता का पुरस्कार प्रदान किया गया। टॉपिक प्रस्तुति में प्रथम पुरस्कार यूपीईएस देहरादून एवं द्वितीय पुरस्कार आरजीआईपीटी एवं जेएनटीयू काकीनाडा ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया।
इस अवसर पर उपस्थित उद्योग व अकादमिक जगत के विशेषज्ञों, विभिन्न संस्थानों से आये छात्र-छात्राओं, संस्थान के प्राध्यापकों एवं छात्रों का स्वागत करते हुए संस्थान के निदेशक अखौरी सुधीर कुमार सिन्हा ने कहा कि फिपी छात्र चैप्टर के 12वें वार्षिक सम्मेलन का आयोजनआर.जी.आई.पी.टी. में किया जाना, हमारे लिए गौरव की बात है। छात्र चैप्टर से जुड़े छात्र-छात्राएँ काफी समर्पण के साथ विभिन्न तकनीकी विषयों पर कार्यशाला, परिचर्चा, तकनीकी प्रस्तुति, उद्योग जगत के विशेषज्ञों का विभिन्न विषयों पर प्रेरक भाषण आदि का आयोजन करते हैं।
जिनसे पेट्रोलियम अभियांत्रिकी एवं सहायक विषयों में नामांकन ले रहे नवीन छात्रों को, इस क्षेत्र में अपनी रुचि विकसित करने में सहायता मिलती है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित फिपी के महानिदेशक श्री गुरमीत सिंह ने छात्र चैप्टरों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में हाइड्रोकार्बन उद्योग से जुड़े इंजीनियरों, विशेषज्ञों एवं शोध अध्येताओं की काफी बड़ी भूमिका होने जा रही है।
और इसमें युवाओं के लिए रोजगार के भी नये अवसर उपलब्ध होंगे। अतः छात्रों को अपने अध्ययन पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
इस अवसर पर अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट के श्री जॉर्डन स्ट्राइकलर कार्यक्रम में ऑनलाइन रूप से जुड़े एवं नेट जीरो लक्ष्य की दिशा में हाइड्रोकार्बन उद्योग के कदम विषय पर अपने विचार रखें।
बी.पी.सी.एल. के कार्यकारी निदेशक श्री एन. चंद्रशेखर ने कहा कि नेट जीरो के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड काफी सक्रियता से हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में कार्य कर रही है ताकि 2050 तक इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
उन्होंने आगे कहा कि हम आशान्वित हैं कि भारत इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा।
आई.ओ.सी.एल. के कार्यकारी निदेशक श्री राजेश सिंह ने इस परिचर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस दिशा में सभी संगठनों ने अपना-अपना लक्ष्य निर्धारित किया है ताकि अधिक से अधिक हरित ऊर्जा का उत्पादन कर नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 2046 तक इस लक्ष्य को प्राप्त करने की योजना बनाई है।
मंडल ब्यूरो चीफ पवन श्रीवास्तव की रिपोर्ट